उन्होंने देश के लिए जितना किया, और इसके लिए उनको जितना सम्मान मिलना चाहिए, वह नेताजी को नहीं मिला. नेताजी को सम्मान करना हमारा कर्त्तव्य है. केंद्र सरकार के पास नेताजी से संबंधित 130 फाइलें हैं, जिनमें उनके साथ हुई घटना का रहस्य छिपा हुआ है. केंद्र सरकार इन रहस्यों को छिपाना चाहती है. लेकिन आप सच्चाई को छिपा नहीं सकते. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का कहना है कि अगर नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक किया जाता है तो इससे भारत का अन्य देशों के साथ संपर्क खराब होगा. पर यह समझ में नहीं आता कि यह कैसा समझौता. अगर नेताजी के फाइलों को सावर्जनिक करने से अन्य देशों के साथ रिश्ते खराब होते हैं तो हमें उन देशों के साथ हुए समझौते को रिव्यू करना चाहिए. क्योंकि हमारे देश को आजादी दिलाने के लिए नेताजी ने जो बलिदान दिया है, वह हम नहीं भूल सकते. इसलिए उनके साथ क्या हुआ, यह जानना हमारा अधिकार है. इसमें किसी भी देश से कोई संपर्क नहीं होना चाहिए.
हमारी सरकार ने नेताजी से जुड़ीं सभी फाइलेंं सार्वजनिक कर दी हैं. जनता को देश के वीर पुत्र के बारे में जानने का हक है.’ केंद्र सरकार के पास मौजूद नेताजी से जुड़ीं फाइलों को गोपनीय सूची से हटाने पर भारत के साथ कुछ देशोंं के संबंध प्रभावित होंगे, इस संबंध में सवाल करने पर ममता ने कहा कि अब हमें आजादी मिल गयी है. उन नेताओं को सम्मानित करने में कोई नुकसान नहीं है, जिन्होंंने हमें आजादी दिलायी. हमें उन्हें सलाम करना चाहिए. फाइलों को गोपनीय सूची से हटाने से पहले हमने देखा था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ ना हो. यदि किसी देश के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध हैं, तो हमे उनकी समीक्षा करने की जरूरत है. यह पूछे जाने पर कि क्या कुछ छुपाने का प्रयास किया जा रहा है, इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जो अंदाजा आप लगा सकते हैं, वही वह भी लगा रही हैं. देश को सच्चाई का सामना करने दें. छुपाने के लिए कुछ नहीं है.