कोलकाता.
राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है. कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से तैयारी शुरू कर दी है. हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में मिली शिकस्त के बाद कांग्रेस ने अपना फोकस बंगाल पर कर दिया है. पार्टी यहां कोई गलती नहीं करना चाहती. पिछले कुछ वर्षों में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का जनाधार तेजी से कम हुआ है. यहां पार्टी को फिर से खड़ा करना बड़ी चुनौती होगी. प्रदेश कांग्रेस ने 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले यहां एक कार्यशाला आयोजित की, जिसमें पार्टी के 200 वरिष्ठ नेता शामिल हुए. कार्यशाला की अध्यक्षता पार्टी के पर्यवेक्षक गुलाम मीर ने की. इसमें पार्टी प्रदेश प्रमुख शुभंकर सिन्हा और पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी भी शामिल हुए. कार्यशाला का संदेश स्पष्ट था कि कांग्रेस 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले बूथ स्तर पर अपनी उपस्थिति मजबूत करना चाहती है. उसका मानना है कि जब तक बूथ और ब्लॉक मजबूत नहीं होंगे, तब तक विधानसभा में पार्टी अपनी संख्या नहीं बढ़ा सकती. दरअसल, देश की सबसे पुरानी पार्टी 2021 के विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पायी, लेकिन कांग्रेस ने सागरदिघी में उपचुनाव जीता. हालांकि, उनका एकमात्र विधायक सत्तारूढ़ तृणमूल में शामिल हो गया.पार्टी सूत्रों ने बताया कि ज्यादातर नेताओं की राय है कि इस बार कांग्रेस को अकेले चुनाव लड़ना चाहिए. इसका मतलब है कि उसे वाममोर्चा से दूरी बना लेनी चाहिए. कांग्रेस पर्यवेक्षक गुलाम मीर ने खुलकर कहा कि बंगाल कांग्रेस के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है.
गुलाम मीर बोले, हमारा अगला लक्ष्य 2026 का विस चुनाव : गुलाम मीर ने कहा कि हमारा उद्देश्य कांग्रेस को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करना और सुझाव देना है. हमारे पास 2026 का लक्ष्य है, हमें आगे बढ़ना है. हमारे सामने दो सत्तारूढ़ दल हैं. बंगाल के लोगों की इच्छा है कि राहुल गांधी आयें. हमने ब्लॉक और बूथ स्तर पर विकास के लिए कड़ी मेहनत करने का प्रस्ताव पारित किया है. इस दौरान 200 से अधिक प्रतिनिधि मौजूद थे. पश्चिम बंगाल हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.वाम व तृणमूल, दोनों से दूरी बनाने के दिये संकेत : पार्टी सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि कांग्रेस के नेता 2026 के चुनावों से पहले वाम माेर्चा और इंडिया ब्लॉक की सदस्य तृणमूल दोनों से समान दूरी बनाये रखना चाहते हैं. मुख्य एजेंडा बूथों को मजबूत करना था. पश्चिम बंगाल से कांग्रेस के एकमात्र सांसद ईशा खान चौधरी ने कहा : हमने हर जिले में अपने बूथों को मजबूत करने के लिए सुझाव लिये हैं. हमसे पूछा गया है कि हम किसी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं या नहीं.
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