कोलकाता : राज्यपाल व विभिन्न विश्वविद्यालयों के चांसलर जगदीप धनखड़ ने संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर यह घोषणा की थी कि वह 13 जनवरी को राजभवन में सभी वाइस चांसलरों के साथ बैठक करेंगे. अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा था कि राज्य में उच्च शिक्षण संस्थानों की व्यवस्था चरमरायी हुई है. इससे पहले भी वह कई बार राज्य की शिक्षा व्यवस्था को लेकर विवादास्पद बयान दे चुके हैं.
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राज्यपाल की बुलायी बैठक पर चुप्पी साधे हुए हैं वाइस चांसलर
कोलकाता : राज्यपाल व विभिन्न विश्वविद्यालयों के चांसलर जगदीप धनखड़ ने संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर यह घोषणा की थी कि वह 13 जनवरी को राजभवन में सभी वाइस चांसलरों के साथ बैठक करेंगे. अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा था कि राज्य में उच्च शिक्षण संस्थानों की व्यवस्था चरमरायी हुई है. इससे पहले भी वह […]
गत 24 दिसंबर को जादवपुर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में दो घंटे कैम्पस में अटकाये जाने के बाद भी राज्यपाल समारोह में नहीं प्रवेश कर पाये थे. यूनिवर्सिटी के कैम्पस से लौटने के बाद राज्यपाल ने राजभवन में संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर एकेडमिक बैठक आयोजित करने की घोषणा की थी.
इस घोषणा के बाद से ही विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर चुप्पी साधे हुए हैं. इस विषय में राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर बात करने के लिए ही तैयार नहीं हैं. मौलाना अबुल कलाम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. सैकत मित्रा ने कहा कि 13 जनवरी को होनेवाली बैठक में वे भाग लेंगे कि नहीं, अभी कुछ कहा नहीं जा सकता, इस पर निर्णय बाद में लिया जायेगा.
उच्च शिक्षा विभाग से जब इसकी लिखित सूचना आयेगी, तभी इस पर विचार किया जायेगा. बारासात स्टेट यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर बासब चौधरी ने दबावपूर्ण शैली में कहा कि वे इस बारे में कुछ जानते ही नहीं हैं. उनको पता ही नहीं है कि राज्यपाल ने राजभवन में जनवरी में वाइस चांसलरों की कोई बैठक बुलायी है.
वहीं जिले की एक यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि हमारा विश्वविद्यालय तो सरकार के अंडर में ही काम कर रहा है. हम राज्यपाल द्वारा बुलायी गयी वाइस चांसलरों की बैठक में जायेंगे कि नहीं, इस बारे में अपने से फैसला भी नहीं कर पायेंगे. इस मसले पर हमारी कोई टिप्पणी न ही लें, तो ज्यादा सही होगा.
वहीं जादवपुर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. सुरंजन दास, कलकत्ता विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर सोनाली बनर्जी से जब संपर्क किया गया, तो वह फोन पर उपलब्ध ही नहीं हुए. जादवपुर यूनिवर्सिटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार व राज्यपाल को लेकर राज्य में जो हालात बन रहे हैं, उससे शिक्षा जगत में काफी उदासीनता है. विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता खतरे में पड़ गयी है.
उच्च अधिकारी संस्थान को ठीक से चला ही नहीं पा रहे हैं, क्योंकि हर कार्य में राजनीतिक दखल बढ़ रहा है, इसलिए सभी चुप्पी साधे हुए हैं.
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