हावड़ा : असम सहित उत्तर पूर्व के राज्यों में नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) के विरोध में लगातार हो रही हिंसक घटनाओं का असर बंगाल के पर्यटकों पर पड़ा है. जाड़े की छुट्टियों में उत्तर पूर्व राज्यों में घूमने जाने वाले पर्यटक वहां हो रहे विरोध प्रदर्शन व हिंसक घटनाओं को लेकर आतंकित हैं. पहले से सारी योजना बना चुके पर्यटक अब अपनी यात्रा रद्द कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस हालात में वहां जाना जोखिम भरा है. मालूम रहे कि जाड़े में असम, त्रिपुरा, सिक्किम, मेघालय सहित अन्य राज्यों में भारी संख्या में पर्यटकों घूमने जाते हैं.
दो महीने पहले से हजारों की संख्या में पर्यटक टिकट व होटल बुक कर चुके हैं, लेकिन वहां हो रहे विरोध के कारण वे अपना टिकट रद्द करवा रहे हैं. पर्यटकों में निराशा है. उनका कहना है कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन्हें अचानक अपना टूर रद्द करना पड़ रहा है.
ट्रेन सेवा पर पड़ा है भारी असर: उत्तर पूर्व राज्यों में हो रहे हिंसक प्रदर्शन का असर ट्रेन सेवा पर भी पड़ा है. इसके मद्देनजर कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. इनमें 15959, हावड़ा-डिब्रूगढ़ कामरूप एक्सप्रेस 16 दिसंबर तक, 13175, सियालदह-सिलचर कंचनजंघा एक्सप्रेस 14 दिसंबर तक, 15956, दिल्ली-डिब्रूगढ़ ब्रह्मपुत्र मेल 14 दिसंबर तक रद्द रहेंगी. 12503 बेंगलुरू कैंट-अगरतला हमसफर एक्सप्रेस को भी रद्द किया गया है.
कैब व नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ उग्र आंदोलन की वजह से असम का पर्यटन उद्योग पूरी तरह से चरमरा गया है. लोअर असम और अपर असम के विभिन्न पर्यटन स्थलों के अलावा कामाख्या मंदिर और बौद्ध मंदिरों में हर रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते थे. उनकी संख्या अब ना के बराबर है.
इसका असर शिलांग व पूर्वोत्तर के राज्यों पर भी पड़ा है. इस बात को असम भवन में स्थित पर्यटन विभाग के अधिकारी स्वीकार कर रहे हैं. नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर वे बताते हैं कि अभी वहां के जो हालात हैं, उसको देखते हुए वे लोग खुद भी लोगों को सलाह दे रहे हैं कि अपनी यात्रा को फिलहाल टाल दें.