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ममता मेरे साथ औरंगजेब जैसा व्यवहार कर रही हैं: राज्यपाल

राज्यपाल और मुख्यमंत्री में कम नहीं हुई तल्खी कोलकाता : राज्यपाल जगदीप धनखड़ कहते हैं कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मैं सदन में जाता हूं और वहां गेट बंद मिलता है. स्पीकर ने लंच पर बुलाया था लेकिन वे खुद वहां नहीं थे. सदन खाली था. कुछ लोगों ने खुद को कमरे में बंद […]

राज्यपाल और मुख्यमंत्री में कम नहीं हुई तल्खी

कोलकाता : राज्यपाल जगदीप धनखड़ कहते हैं कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मैं सदन में जाता हूं और वहां गेट बंद मिलता है. स्पीकर ने लंच पर बुलाया था लेकिन वे खुद वहां नहीं थे. सदन खाली था. कुछ लोगों ने खुद को कमरे में बंद कर लिया था. वहां कोई चौथे दर्जे का कर्मचारी भी नहीं था जो मेरे स्वागत के लिए खड़ा हो.
मुझे लगता है कि स्वच्छ भारत अभियान सबसे पहले पश्चिम बंगाल के विधानसभा से शुरू होना चाहिए. राज्यपाल ये बातें कोलकाता में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट में कहीं. राज्यपाल धनखड़ ने कहा: लोग मुझ पर आरोप लगाते हैं कि मैं सीएम ममता बनर्जी और सरकार के काम में रुकावट पैदा करता हूं. लेकिन होता इसका उलटा है. यहां तो मैं रिसीविंग एंड पर हूं. वे लोग मेरे सामने समस्याएं खड़ी कर रहे हैं.
राज्य के 5-6 मंत्री कहते हैं कि मैं पर्यटक हूं: राज्य के पांच-छह वरिष्ठ मंत्री कहते हैं कि अगर आपको सीएम से मिलना है तो ‘दीदी के’ बोलो. आप यहां पर्यटक हैं. आप यहां घूमने आये हैं. इन सबके बारे में और लोगों की समस्याओं के बारे में मैंने मुख्यमंत्री को कई पत्र भेजे हैं, लेकिन मुझे कोई रिस्पॉन्स नहीं मिलता. सीएम ने बुलबुल तूफान में अच्छा काम किया तो मैंने पत्र लिखकर उनके काम की तारीफ की. लेकिन ऐसे में मीडिया में शीर्षक बन जाता है कि मैं सीएम की तारीफ करता हूं. लेकिन अगर सरकार यह चाहे कि मैं बतौर राज्यपाल सीएम की तारीफ करता रहूं तो मैं उसके लिए नहीं बैठा हूं.
राज्यपाल ने कहा कि बंगाल में लोकतंत्र खत्म हो चुका है. वीसी रूम बंद हो जाता है. विधानसभा का गेट बंद हो जाता है. मैं शहरों के दौरे पर जाता हूं तो मुझे वहां अधिकारी, कर्मचारी…कोई मिलता ही नहीं है. यह लोकतंत्र का खात्मा नहीं है तो क्या है? यह वैसा ही काम है जैसा औरंगजेब ने शिवाजी के साथ किया था. मैं ममता को औरंगजेब नहीं कह रहा, लेकिन पश्चिम बंगाल की आयरन लेडी औरंगजेब की तरह काम कर रही हैं. लोग आरोप लगाते हैं कि मैं समानांतर सरकार चला रहा हूं. लेकिन अगर मैं समानांतर सरकार चलाता तो ये सब नहीं होता.
ममता जी भी थोड़ी ममता दिखाएं
राज्यपाल कहते हैं कि पिछले चार महीने में तो मैंने बहुत कुछ किया लेकिन अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी थोड़ी ममता मुझ पर दिखाएं. मैं उनके घर गया. मैंने उनसे कहा कि मैं साफ दिल से आया हूं और यहां से साफ दिल से जाऊंगा. लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. बाबासाहेब आंबेडकर की मूर्ति के सामने सीएम ने फूल चढ़ाये. मैंने उन्हें नमस्ते किया पर उन्होंने जवाब नहीं दिया. मैं तो उन्हें बुलाता हूं कि आइये चाय पीते हैं. साथ में समस्याओं को दूर करते हैं, लेकिन उनका कोई जवाब ही नहीं आता.

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