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डेंगू से अब तक राज्य में 27 लोगों की मौत : मुख्यमंत्री

कोलकाता : राज्य सरकार की सकारात्मक पहल के कारण पिछले वर्षों की तुलना में इस साल डेंगू से मरने वालों की संख्या कम हुई है. इस साल अब तक राज्य में डेंगू से 27 लोगों की जान गयी है. डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या 44852 है. यह जानकारी मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने […]

कोलकाता : राज्य सरकार की सकारात्मक पहल के कारण पिछले वर्षों की तुलना में इस साल डेंगू से मरने वालों की संख्या कम हुई है. इस साल अब तक राज्य में डेंगू से 27 लोगों की जान गयी है. डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या 44852 है. यह जानकारी मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में दी.

गौरतलब है कि डेंगू को लेकर विधानसभा में राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री डॉ पार्थ चटर्जी ने प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव पर विपक्षी पार्टियों ने राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि उसकी उदासीनता की वजह से डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि डेंगू को लेकर विरोधी पार्टियां राजनीति कर रही हैं. यह समय राजनीति करने का नहीं, बल्कि लोगों को जागरूक करने का है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि किसी की भी मृत्यु हमें बर्दाश्त नहीं है.
हालांकि, मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष डेंगू से मरने वालों की संख्या कम हुई है. पिछले वर्ष डेंगू से 86 लोगों की मौत हुई थी, जबकि इस वर्ष 27 लोगों की जान गयी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ राज्य सरकार के प्रयासों का नतीजा है. राज्य सरकार ने डेंगू सहित मच्छर जनित रोगों की रोकथाम के लिए आवंटित राशि को 245 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 475 करोड़ रुपये कर दिया है.
साथ ही लोगों को घर-घर जाकर जागरूक करने के लिए 51 हजार लोगों की नियुक्ति की गयी है. इसके साथ ही राज्य के 3000 चिकित्सक डेंगू से ग्रसित मरीजों का इलाज करने में जुटे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल में डेंगू का कोई प्रकोप नहीं है. राज्य के सरकारी अस्पतालों में डेंगू के इलाज के लिए आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं.
वाममोर्चा कार्यकाल के दौरान मलेरिया से हजारों लोगों की होती थी मौत
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो आज डेंगू को लेकर हल्ला मचा रहे हैं, शायद वह भूल गये कि इससे भी अधिक लोगों की जानें मलेरिया की वजह से उनके (वाममोर्चा) कार्यकाल के दौरान गयी थीं. मुख्यमंत्री ने वर्ष 2001 से 2010 तक राज्य में मलेरिया से मरने वाले लोगों की संख्या बतायी. उनके अनुसार, इन 10 वर्षों में मलेरिया से प्रत्येक वर्ष औसतन 150 से अधिक लोगों की मृत्यु होती थी. वहीं, इससे ग्रसित लोगों की संख्या भी लाखों में रहती थी. अब बंगाल में ऐसी स्थिति नहीं है.
माकपा व कांग्रेस ने किया वॉकआउट
डेंगू को लेकर मुख्यमंत्री के जवाब देने से पहले ही माकपा व कांग्रेस के विधायक सदन से वॉकआउट कर गये. वॉकआउट करने के बाद माकपा व कांग्रेस के विधायकों ने सदन के बाहर राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाये. माकपा विधायक दल के नेता डॉ सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि डेंगू को नियंत्रित करने में राज्य सरकार पूरी तरह से विफल रही है.
सरकारी अस्पतालों में डेंगू के इलाज के लिए आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. वहीं, विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने कहा कि डेंगू को लेकर राज्य सरकार सही तथ्य नहीं दे रही है. डेंगू को लेकर राज्य सरकार उदासीन है.

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