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मरीज बेहाल, आज राज्यभर में डॉक्टरों की 12 घंटे की हड़ताल

कोलकाता : एक मरीज की मौत के बाद मंगलवार तड़के महानगर के नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ((एनआरएस) में भारी बवाल हुआ. देखते ही देखते अस्पताल परिसर रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. घटना में सात जूनियर डॉक्टर घायल हुए हैं. इनमें दो को गंभीर हालात में अस्पताल में भरती कराया गया है. इस […]

कोलकाता : एक मरीज की मौत के बाद मंगलवार तड़के महानगर के नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ((एनआरएस) में भारी बवाल हुआ. देखते ही देखते अस्पताल परिसर रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. घटना में सात जूनियर डॉक्टर घायल हुए हैं. इनमें दो को गंभीर हालात में अस्पताल में भरती कराया गया है.

इस घटना के बाद अस्पताल के करीब 650 जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गये. दिन में 12 बजे के बाद राज्य के दूसरे सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर भी हड़ताल पर चले गये. जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि जब तक उन्हें पूर्ण सुरक्षा नहीं दी जाती, तब तक राज्य के किसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कोई कामकाज नहीं होगा. चिकित्सकों के फोरम ने घटना के विरोध में बुधवार को राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पताल के आउटडोर विभाग सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक बंद रखने का एलान किया है. डॉक्टरों से अपने निजी क्लिनिक भी बंद रखने को कहा गया है.

हंगामे के बाद चिकित्सकों ने न केवल धरना प्रदर्शन किया बल्कि अस्पताल के दोनों मुख्यद्वारों पर ताला जड़ दिया. ऐसे में न कोई मरीज बाहर से अंदर जा पा रहे थे और न ही अंदर से बाहर.
मंगलवार तड़के से ही अस्पताल का इमरजेंसी विभाग बंद है. वहीं मंगलवार सुबह अस्पताल के आउटडोर को भी बंद रखा गया. इस घटना के बाद मंगलवार को राज्यभर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित रही. दोपहर 12 बजे के बाद कलकत्ता मेडिकल कॉलेज, एसएसकेएम, आरजी कर, सागर दत्ता, मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज एंड हस्पिटल समेत राज्य भर के मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत जूनियर डॉक्टर काम बंद कर हड़ताल पर चले गये. सात जूनियर डॉक्टर घायल हुए हैं, जिनमें दो की हालत गंभीर बतायी जा रही है. डॉ परीबाहा मुखोपाध्याय (24) को इलाज के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो साइंस (आइएनके) में भरती कराया गया है, जबकि डॉ यश टेकवानी एनआरएस में भर्ती हैं.
क्या है मामला : जानकारी के अनुसार, टेंगरा निवास मोहम्मद सईद (85) को उल्टी, पेट दर्द, सिर दर्द व अन्य कई शारीरिक परेशानियों की शिकायत पर सोमवार शाम अस्पताल के आउटडोर विभाग में भरती कराया गया था. धरना पर बैठे जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि मरीज को काफी गंभीर अवस्था में लाया गया था. उधर, परिजनों का आरोप है कि सईद को एक इंजेक्शन लगाया गया था. जिसके बाद उनकी मौत हो गयी. जूनियर डॉक्टरों का यह भी आरोप है कि मरीज के परिजनों का आचरण काफी बुरा था. अस्पताल में भरती कराये जाने के बाद ही परिजन डॉक्टर और नर्सिंग स्टॉफ के साथ बुरे से पेश आ रहे थे.
आरोप है कि मरीज की मौत के बाद अचानक दो लॉरी में भर सकैड़ों बाहरी लोग एनआरएस परिसर में दाखिल हो गये. बाहरी लोगों ने डॉक्टरों की पिटाई शुरू कर दी. पहले मृतक के परिजनों ने पत्थरबाजी शुरू की इसके बाद चिकित्सकों ने भी उन पर पत्थर फेंके. देखते ही देखते अस्पताल परिसर रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. चिकित्सकों का आरोप है कि घटना के दौरान पुलिस की सक्रियता कम होने के कारण इतनी बड़ी घटना घटी.
इस घटना के विरोध में मंगलवार सुबह एनआरएस मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी व आउटडोर विभाग को बंद करवा दिया है. सीटी स्कैन व पैथोलॉजी केंद्र को भी बंद रखा गया है.
एनआरएस अस्पताल की घटना के विरोध में जूनियर डॉक्टरों के साथ सीनियर डॉक्टरों ने भी हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है. चिकित्सकों के संगठन डब्ल्यूबीडीएफ की ओर से यह फैसला लिया गया है. बुधवार सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक राज्य के सभी निजी व सरकारी अस्पतालों के आउडोर विभाग को बंद रखा जायेगा. हालांकि इस दौरान अस्पतालों के इमरजेंसी विभाग खुले रह सकते हैं. जानकारी के अनुसार डब्ल्यूबीडीएफ के सदस्यों ने मंगलवार दोपहर अस्पताल पहुंच कर एनआरएस मेडिकल कॉलेज के हड़ताली छात्रों से मुलाकात कर यह निर्णय लिया.
पुलिस कमिश्नर और मंत्री के सामने प्रदर्शन
घटना की सूचना पाकर स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक प्रो डॉ प्रदीप मित्रा, स्पेशल सेक्रेटरी स्वास्थ्य शिक्षा प्रो डॉ तमाल कांति घोष सुबह से ही अस्पताल में थे. दोपहर में स्वास्थ्य राज्यमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, मंत्री डॉ निर्मल मांझी एवं कोलकाता पुलिस के सीपी अनुज शर्मा अस्पताल पहुंचे. उनके अस्पताल पहुंचने पर धरना पर बैठक जूनियर डॉक्टरों ने पहले उनका घेराव किया और शेम- शेम के नारे लगये. इस घटना के बाद मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, सीपी, स्वास्थ्य विभाग व कॉलेज प्रबंधन के साथ तीन बार बैठक की. बैठक के बाद चंद्रिमा भट्टचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस घटना की निंदा की है.
उनकी सहानुभूति चिकित्सकोंे के प्रति है. सीपी ने जूनियर डॉक्टरों से बात की है. अस्पताल की सुरक्षा पुख्ता करने की सारी व्यवस्था की जायेगी. उन्होंने कहा कि चिकित्सका का आरोप है कि घटना के दौरान पुलिस की सक्रियता कम थी. सीपी चिकित्सकों के इस आरोप की जांच करेंगे. उन्होंने डॉक्टरों से हड़ताल वापस लेकर काम पर लौटने की अपील की है.

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