मालदा :मालदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक दंपती को उनके बच्चे के बदले एक मृत शिशु सौंपे जाने से हंगामा मच गया. परिवार के लोगों ने नवजात की तस्वीर मोबाइल पर खींच कर रखी हुयी थी, जिसके वजह से उन्हें अपना बच्चा वापस मिल सका. हंगामे की खबर पाकर इंगलिश बाजार थाना पुलिस पहुंची. ड्यूटी पर मौजूद नर्स से इतनी बड़ी गलती कैसे हुयी, इसे लेकर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने जांच शुरू कर दी है.
पुलिस और मेडिकल कॉलेज सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इंगलिश बाजार थाने की नरहाटा ग्राम पंचायत के लखीघाट इलाके की निवासी सागरी बसाक गर्भवती थी. बुधवार रात प्रसव पीड़ा के बाद सागरी को उसके पति स्वरूप मंडल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराने के लिये एम्बुलेंस से निकले. लेकिन रास्ते में ही प्रसव हो गया और सागरी ने एक पुत्र संतान को जन्म दिया. जन्म के तुरंत बाद बच्चे की फोटो उसके पिता ने खींच ली. इसके बाद सागरी और उसके बच्चे को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया.
स्वरूप मंडल और उसकी पत्नी सागरी का आरोप है कि बिलकुल स्वस्थ हालत में उसके बच्चे को भर्ती किया गया था. लेकिन देर रात ड्यूटी पर मौजूद नर्स उसके पास आयी और कहा कि बच्चे की स्थिति अच्छी नहीं है. इसी दौरान उसने एक कागज पर भी दस्तखत कराये. इसके बाद उसे लाकर एक मृत बच्चा सौंप दिया गया.
मृत बच्चे को देखने के बाद पति-पत्नी ने रोना शुरू कर दिया. लेकिन उन्हें बच्चे के चेहरे को देखकर संदेह हुआ. इसके बाद बच्चे के पिता ने मोबाइल की तस्वीर से उसका चेहरा मिलाया. चेहरे में कोई समानता नहीं दिखने पर इस दंपती ने मृत बच्चे के अपना नहीं होने का दावा किया. इसे लेकर गुरुवार को भोर से अस्पताल में हंगामा मच गया.
मामला जोर पकड़ने पर ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने कहा कि उन्हें भूल से गलत बच्चा दे दिया. नर्स ने अपनी गलती भी स्वीकार कर ली. इसके बाद स्वरूप मंडल और उसकी पत्नी को उनका बच्चा सौंपा गया. उन्होंने आरोप लगाया कि अगर मोबाइल से बच्चे के तस्वीर नहीं खींची होती तो उन्हें मृत बच्चा दे दिया होता. मंडल दंपती ने पूरी घटना की जांच की मांग की है. मेडिकल कॉलेज के उप प्राचार्य डॉ. अमित दा ने कहा कि मामले की जांच करायी जा रही है.