कोलकाता. बागड़ी मार्केट अग्निकांड की घटना में दोनों मालिक राधा बागड़ी और उसके बेटे वरुण बागड़ी की अग्रिम जमानत याचिका को कलकत्ता : हाइकोर्ट ने मंजूर कर ली. शुक्रवार को उन्हें नि:शर्त अग्रिम जमानत न्यायाधीश जयमाल्य बागची व न्यायाधीश अभिजीत गांगुली की खंडपीठ ने दी.
अदालत के मुताबिक केवल मालिकों को दोष देना ठीक नहीं. किरायेदारों की भी गलती है. मामले की सुनवाई में राधा बागड़ी व वरुण बागड़ी की जमानत का आवेदन उनकी वकील ऋतुपर्णा दे घोष ने किया. उनका कहना था कि यह एक हादसा था. जानबूझ कर उनके खिलाफ षडयंत्र का आरोप लगाया गया है.
सरकारी वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा कि बागड़ी अग्निकांड हादसे में मालिकों की लापरवाही जहां एक ओर थी, वहीं अग्निशन व्यवस्था न होने की वजह से यह हादसा हुआ. इस संबंध में अदालत ने जानना चाहा कि पुलिस ने जो चार्जशीट दी है उसमेें 436ए लापरवाही का उल्लेख नहीं है. मालिकों के खिलाफ वेस्ट बंगाल फायर सर्विस कानून 11सी व 11जे धारा में मामला किया गया है. दोनों धाराओं में दोनों पक्ष यानी मालिक व किरायेदार समान रूप से जिम्मेदार हैं.
केवल मालिक पक्ष को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. दूसरी ओर गत दो फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने बागड़ी मार्केट के सीइओ कृष्णकुमार कोठारी की अग्रिम जमानत मंजूर की थी. बैंकशल अदालत में आत्मसमर्पण करके उन्होंने जमानत ली. उल्लेखनीय है कि गत 15 सितंबर को कैनिंग स्ट्रीट के बागड़ी मार्केट में आग लग गयी थी.