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नागराकाटा : माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सभी विद्यालयों से मांगा टाइमटेबल

नागराकाटा : विभिन्न हाईस्कूल एकेडमिक कैलेंडर का पालन कर रहे हैं या नहीं, यह जानने के लिये माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सभी विद्यालयों से उनका टाइम-टेबल तलब किया है. आगामी 15 फरवरी तक डाक के जरिये इसे भेजना होगा. इस बारे में सभी जिलों के विद्यालय निरीक्षकों को ईमेल के जरिये टाईम-टेबल भेजवाने का निर्देश […]

नागराकाटा : विभिन्न हाईस्कूल एकेडमिक कैलेंडर का पालन कर रहे हैं या नहीं, यह जानने के लिये माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सभी विद्यालयों से उनका टाइम-टेबल तलब किया है. आगामी 15 फरवरी तक डाक के जरिये इसे भेजना होगा. इस बारे में सभी जिलों के विद्यालय निरीक्षकों को ईमेल के जरिये टाईम-टेबल भेजवाने का निर्देश भी दिया गया है. बीते सोमवार को स्कूलों को इस बारे में निर्देश पहुंच गया है.

जानकारी के मुताबिक 20 नवम्बर 2018 को माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सभी स्कूलों को एक एकेडमिक कैलेंडर बनाने का निर्देश दिया था. उसमें सुबह स्कूल खुलने से लेकर छुट्टी के समय तक का पूरा टाईम-टेबल बनाना था. साथ ही किस सप्ताह में किस श्रेणी की कितनी कक्षायें होंगी, यह व्योरा भी देना था.

चालू शिक्षा वर्ष में शुरूआत से ही इसका पालन किया जाना था. सूत्रों का कहना है कि माध्यमिक शिक्षा पर्षद को पता चला है कि बहुत से विद्यालय इस निर्देश का पालन नहीं कर रहे हैं और अपनी मर्जी के मुताबिक स्कूल का संचालन कर रहे हैं. ऐसी शिकायतों पर ही पर्षद ने सभी उच्च विद्यालयों से उनका टाईम-टेबल और कैलेंडर तय किया है.

गत 20 नवम्बर को जारी निर्देश के मुताबिक पर्षद के अधीन विद्यालयों में प्रार्थना सुबह 10:40 बजे से होनी है. इसके बाद 10:50 से क्लास शुरू होगी. इसके लिये स्कूल के सभी शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को सुबह 10:35 तक पहुंच जाना है. 11:05 तक अगर कोई अनुपस्थित रहता है तो उसदिन उसे गैरहाजिर माना जायेगा.
इसी तरह से कोई भी शिक्षक या अन्य कर्मचारी शाम साढ़े चार के पहले स्कूल से नहीं निकल सकेगा. इसके अलावा सभी राष्ट्रीय दिवसों का विद्यालय में पालन किया जाना है. जिसमें सभी शिक्षकों की उपस्थिति जरूरी है. पर्षद ने साल में कम से कम एक हजार घंटा पढ़ाई का लक्ष्य सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
टिफिन के समय को निकालकर हर सप्ताह कम से कम 31 घंटा पढ़ाई को जरूरी बनाया गया था. पर्षद अब यह जानना चाहता है कि उसके इस निर्देश का सभी विद्यालय ठीक ढ़ंग से पालन कर रहे हैं या नहीं.

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