कोलकाता/नयी दिल्ली : सीबीआइ बनाम कोलकाता पुलिस मामले में मंगलवार को भी घटनाक्रम तेजी से बदला. सुबह सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को निर्देश दिया कि वह सारधा चिटफंड घोटाले से संबंधित मामले की जांच में सीबीआइ के साथ पूरी ईमानदारी से सहयोग करें, हालांकि अदालत ने कहा कि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाये.
शीर्ष अदालत के निर्देश पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र दोनों ने नैतिक जीत का दावा किया. उधर, शाम में सुश्री बनर्जी ने कोलकाता के मेट्रो चैनल पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के अनुरोध पर धरना खत्म करने का एलान किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी दलों के आग्रह पर उन्होंने अपना धरना खत्म किया है.
हालांकि उन्होंने अब केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में धरना देने की घोषणा की है. विपक्षी दल दिल्ली में 13 और 14 फरवरी को धरना देंगे. इस बीच, सीबीआइ और कोलकाता पुलिस के बीच टकराव को लेकर संसद में विपक्षी दलों ने लगातार दूसरे दिन प्रदर्शन किया जिससे कार्यवाही बाधित रही.
पश्चिम बंगाल में सीबीआइ के कथित दुरुपयोग के खिलाफ हंगामा करने वालों में तृणमूल कांग्रेस, सपा और कांग्रेस सहित अन्य दलों के सदस्य शामिल थे. ममता ने सीबीआइ-कोलकाता पुलिस आयुक्त मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अपनी ‘नैतिक जीत’ बताया, जिसमें जांच के दौरान कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार की गिरफ्तारी समेत कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कोलकाता पुलिस आयुक्त के लिए नहीं बल्कि देश के करोड़ों लोगों के लिए लड़ रही हैं. उन्होंने धरना स्थल पर संवाददाताओं से कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आम आदमी, लोकतंत्र और संविधान की जीत है. मुख्यमंत्री ने कहा : इसके पीछे जरूर कोई कहानी है. कोई भी मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं कर सकता.
यह हमारा जन आंदोलन है और हम एकजुट होकर इसे लड़ेंगे. उधर, केंद्र ने कहा कि सीबीआइ के सामने पेश होने के लिए उपलब्ध रहने का कुमार को निर्देश देने वाला अदालत का आदेश बनर्जी सरकार के लिए ‘झटका’ है और यह जांच एजेंसी की नैतिक जीत है. आदेश का स्वागत करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह दिखाता है कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है, चाहे वह पुलिस आयुक्त ही क्यों न हो
. प्रसाद की बात का समर्थन करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि सुश्री बनर्जी के राजनीतिक तमाशे को शीर्ष अदालत ने रोक दिया. शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि राजीव कुमार मेघालय के शिलांग स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो के कार्यालय में जांच के लिये उपस्थित हों. कोर्ट ने कहा कि जांच के दौरान पुलिस आयुक्त को न तो गिरफ्तार किया जायेगा और न ही उनके प्रति कोई दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने इसके साथ ही सीबीआइ के आरोपों के बारे में पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किया. पीठ ने उन्हें 20 फरवरी से पहले अपना जवाब देने का निर्देश दिया है. जांच ब्यूरो का आरोप है कि पुलिस आयुक्त इलेक्ट्रानिक साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं और उनके नेतृत्व में गठित विशेष जांच दल द्वारा एजेंसी को उपलब्ध करायी गयी सामग्री के साथ छेड़छाड़ की गयी है.
इस मामले की करीब 15 मिनट की सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल और सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने 2014 से अब तक के सारधा घोटाले के घटनाक्रम से न्यायालय को अवगत कराया. उन्होंने आरोप लगाया कि राजीव कुमार चिटफंड घोटाले से जुड़े मामलों की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.
ये मामले शीर्ष अदालत ने सीबीआइ को सौंपे थे. वेणुगोपाल और मेहता ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल पुलिस का विशेष जांच दल, जिसके मुख्य कर्ताधर्ता कुमार थे, सीबीआइ को सारे दस्तावेज नहीं सौंप रहा है और उसके द्वारा दिये गये कुछ दस्तावेजों के साथ तो छेड़छाड़ भी की गयी है.
जांच ब्यूरो का आरोप था कि राज्य विशेष जांच दल ने पूरा काल डाटा विवरण नहीं दिया है और विशेष जांच दल ने जानबूझकर त्रुटियां की हैं. अटार्नी जनरल ने कहा : हमें काल रिकॉर्ड में हेराफेरी की हुई प्रति दी गयी है. उन्होंने कहा कि रोज वैली मामले से संबंधित चिटफंड घोटाला करीब 15,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला है. अटार्नी जनरल के कथन के बीच ही पीठ ने कहा कि वह राजीव कुमार को जांच के लिये सीबीआइ को उपलब्ध कराने का निर्देश देने पर विचार कर रही है.
पीठ ने कहा : ऐसी कोई वजह नहीं है कि वह खुद को जांच के लिये उपलब्ध नहीं करायेंगें. हालांकि, पश्चिम बंगाल पुलिस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने जांच एजेंसी के आरोपों का प्रतिवाद करते हुए कहा कि यह कोलकाता के पुलिस आयुक्त को परेशान और अपमानित करने का प्रयास है. उन्होंने शीर्ष अदालत के उस आदेश का भी जिक्र करने का प्रयास किया जिसमें उनके अनुसार विशेष जांच दल की भूमिका की सराहना की गयी थी और इसमें साफ कहा गया था कि चिट फंड मामले सीबीआइ को स्थानांतरित किये जा रहे हैं,क्योंकि यह कई राज्यों में फैले हैं.
सिंघवी ने कहा कि अभी तक राजीव कुमार के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है और न ही उन्हें चिटफंड घोटाले से संबंधित किसी मामले में आरोपी ही बनाया गया है. उन्होंने कहा कि कोलकाता पुलिस आयुक्त को तीन बार नोटिस दिया गया था और इसमें कलकत्ता हाइकोर्ट ने चूंकि हस्तक्षेप कर रखा था, इसलिए वह जांच एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए थे.
रविवार के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए सिंघवी ने कहा कि पुलिस आयुक्त के खिलाफ तीन साल बाद इस तरह की कार्रवाई की गयी है. उन्होंने कहा कि रविवार की घटना राज्य में एक राजनीतिक जनसभा के दो दिन बाद हुई. उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल पुलिस और कुमार जांच एजेंसी के साथ पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं और पुलिस महानिदेशक ने इस जांच के सिलसिले में सीबीआइ को पांच पत्र भी लिखे थे.
इस बीच, कलकत्ता हाइकोर्ट ने पूछताछ के लिए कुमार के घर में घुसने के सीबीआइ के प्रयास के खिलाफ पश्चिम बंगाल की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी.
विपक्षी दलों के अनुरोध पर सीएम ने खत्म किया धरना: उधर, पिछले 46 घंटों से कोलकाता के मेट्रो चैनल पर सेव इंडिया के मंच से चल रहा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का धरना खत्म हो गया है. धरना खत्म करने से पहले ममता बनर्जी ने चंद्रबाबू नायडू और तेजस्वी यादव के साथ तकरीबन सवा घंटे तक बैठक की. बैठक स्थल से ही विभिन्न पार्टियों के नेताओं से चंद्रबाबू नायडू ने फोन पर बात की.
सभी ने ममता बनर्जी को धरना खत्म करने की सलाह दी. इसके साथ ही सभी लोगों ने तय किया कि इस मुद्दे को दिल्ली ले जाया जायेगा. ताकि भाजपा के खिलाफ देशभर में एक अभियान बने. सभी नेताओं का अनुरोध देखते हुए ममता बनर्जी व चंद्रबाबू नायडू दोबारा एक साथ मंच पर आये. उससे पहले विमान का वक्त होने के कारण तेजस्वी यादव साथ रहने का वादा करते हुए बीच में ही बैठक से चले गये.
इसके बाद नायडू ने सार्वजनिक रूप से ममता से धरना खत्म करने का अनुरोध किया. जिसे सुश्री बनर्जी ने मान लिया. ममता ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने जब लोकतंत्र व संविधान को बचाने के लिए यह धरना शुरू किया तो सभी 23 भाजपा विरोधी पार्टियों का उनका समर्थन मिला. इसलिए सबसे अनुमति लेकर ही वह धरना खत्म कर रही हैं.
यह हम लोगों की संयुक्त लड़ाई है. इसलिए सभी लोगों ने मिलकर निर्णय लिया है. जिसका वह सम्मान करती हैं. अब 13 और 14 फरवरी को दिल्ली में धरना होगा. जिसमें वह खुद शामिल होंगी.
उन्होंने अपने अतीत का हवाला देते हुए कहा कि मैं शुरू से ही आंदोलन करते हुए इस मुकाम पर पहुंची हूं. कई बार धरना दिया है. इसलिए मुझे कोई डरा नहीं सकता. उन्होंने कहा कि अदालत ने जो फैसला दिया है उससे मैं संतुष्ट हूं. अब इस लड़ाई को हमलोग राष्ट्रीय स्तर पर ले जायेंगे.
कहां है लाल डायरी, मुझे नहीं पता : सुदीप्त
कोलकाता. लाल डायरी कहां है, मुझे नहीं पता, यदि देबजानी मुखोपाध्याय को पता है, तो वह बता सकती हैं, उनसे ही पूछें. बारासात विशेष अदालत में पेशी के समय मीडिया के सवालों के दौरान सारधा मामले में मुख्य आरोपी सुदीप्त सेन (सारधा ग्रुप के चेयरमैन) ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि बार-बार यह बात बोलते आया हूं कि मुझे इस बारे में नहीं पता, लेकिन मेरी बात सुनने वाला कौन है. अगर देबजानी मुखोपाध्याय बोली हैं, तो उन्हें पता होगा, वही बता दें.
उनसे जाकर पूछें. गौरतलब है कि देबजानी मुखोपाध्याय सुदीप्त सेन की सहायिका रही हैं. इधर, सारधा चिटफंड मामले में लाल डॉयरी, पेन ड्राइव और लैपटॉप समेत कई दस्तावेज आखिर कहां है? इसे लेकर एक सवाल अब भी बना है.
इधर सीबीआइ ने एसआइटी की निगरानी में तत्कालीन जांच अधिकारी कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार द्वारा तथ्य नष्ट करने और सुदीप्त सेन की लाल डॉयरी, लैपटॉप, पेन ड्राइव और कई दस्तावेज छिपाने और अब तक सीबीआइ को नहीं देने का आरोप लगाया है.
मालूम हो कि सारधा मामले की जांच कर रही सीबीआइ की टीम रविवार की रात उन्हीं तथ्यों के बारे में जानकारी के लिए कोलकाता पुलिस कमिश्नर के घर पहुंची थी, लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया गया था और बाधा देते हुए अधिकारियों को ही पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया गया था.
सूत्रों के मुताबिक, सुदीप्त सेन की लाल डॉयरी में ही कई अहम सुराग छिपे हैं, लेकिन यह लाल डॉयरी कहां है? गौरतलब है कि चिटफंड से जुड़े एक मामले में राज्य सरकार द्वारा सुदीप्त सेन के खिलाफ दर्ज एक मामले में उनकी मंगलवार को पेशी हुई. उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
सेवा नियमों का उल्लंघन
गृह मंत्रालय का आदेश, पुलिस कमिश्नर के खिलाफ शुरू हो अनुशासनात्मक कार्रवाई केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के खिलाफ अनुशासनहीनता और सेवा नियमों का उल्लंघन करने के लिए अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने को कहा है.
गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव से प्रक्रिया शुरू करने को कहा है. एक पत्र में मंत्रालय ने कहा कि उसे मिली सूचना के अनुसार कमिश्नर कुमार सीएम ममता बनर्जी के साथ धरना पर बैठे. यह पहली नजर में अखिल भारतीय सेवा नियमावली, 1968 और अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1969 के प्रावधानों का उल्लंघन है.
कोलकाता : इस आंदोलन को विरोधी दल दिल्ली ले जायेंगे : नायडू
कोलकाता : ममता बनर्जी को समर्थन देने धरना मंच पर पहुंचे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि मैडम ( ममता बनर्जी) ने जो मुद्दा उठाया है, वह संघीय ढांचे की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है. हम लोग इस आंदोलन को दिल्ली लेकर जायेंगे. वहां पर भाजपा विरोधी 23 पार्टियों के सभी नेता उपस्थित रहेंगे. उन्होंने कहा कि आज देश में संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है.
19 जनवरी को यूनाइटेड इंडिया का सपना लेकर जो सभा हुई थी, उसने देश को एक नयी राह दिखाई है. भाजपा को उखाड़ फेंकना वक्त की जरूरत है. मैडम इस आंदोलन का मुख्य स्तंभ हैं. जिस तरह से विरोधी दलों के नेताओं के पीछे विभिन्न जांच एजेंसियों को लगाया जा रहा है, वह काफी शर्मनाक है.
हमारे राज्य का जब बंटवारा हुआ तो हमने विशेष राज्य का दर्जा मांगा तो हमें नहीं दिया गया. उल्टे विभिन्न तरीके से परेशान किया जा रहा है.
मैडम एक राजनेता ही नहीं एक प्रशासक भी हैं. उनके तहत काम करनेवाले अधिकारियों और कर्मचारियों की रक्षा करना उनकी जिम्मेवारी है. लेकिन जिस तरह से उनको परेशान करने की कोशिश हो रही है.
वह शर्मनाक है. राज्य की कानून व्यवस्था की जिम्मेवारी राज्य सरकार की होती है, मैडम ने वही किया. अब हम लोग इस आंदोलन को दिल्ली लेकर जाएंगे. देश का विकास, संघीय ढांचे की रक्षा करने की इस लड़ाई में हम सभी लोग मजबूती के साथ एक हैं.
सीबीअाइ ने लगाये ये आरोप
- राजीव कुमार के नेतृत्व में पूरी एसआइटी ने जांच आगे बढ़ाने की बजाय आरोपियों को बचाया, विशेषकर टीएमसी से जुड़े लोगों की.
- एसआइटी ने जो सबूत दिये गये वह अधूरे थे. कॉल डिटेल की सूचना भी नहीं दी.
- सर्विस प्रोवाइडर से मिली ऑरिजनल सीडीआर और राजीव कुमार द्वारा उपलब्ध करायी गयी सीडीआर में अंतर था.
- राजीव कुमार ने कई बार समन भेजे जाने के बाद भी जांच में सहयोग नहीं किया.
कोर्ट का आदेश
- राजीव कुमार शिलांग स्थित सीबीआइ दफ्तर में पेश हों, जांच में सहयोग करें
- बंगाल के सीएस, डीजीपी, पुलिस कमिश्नर 18 तक अवमानना नोटिस का जवाब दें
- कोलकाता पुलिस आयुक्त के प्रति कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाये
राजीव कुमार को पूछताछ का सामना करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. हम नोटिस के जारी किये बिना कोई अवमानना नहीं कर सकते हैं. अवमानना तय करने से पहले दूसरे पक्ष को भी सुनना होगा.
रंजन गोगोई, सीजेआइ, सुनवाई के दौरान