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कोलकाता : राजनीतिक पार्टियों के पास कार्यक्रमों के आयोजन का लोकतांत्रिक अधिकार : त्रिपाठी

कोलकाता : राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी का मानना है कि सभी राजनीतिक दलों को अपने कार्यक्रमआयोजित करने का ‘संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार’ है. श्री त्रिपाठी की यह टिप्पणी राज्य सरकार द्वारा भाजपा को राज्य में रथ यात्रा निकालने की अनुमति नहीं दिये जाने की पृष्ठभूमि में आयी है. पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा पर टिप्पणी करते […]

कोलकाता : राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी का मानना है कि सभी राजनीतिक दलों को अपने कार्यक्रमआयोजित करने का ‘संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार’ है. श्री त्रिपाठी की यह टिप्पणी राज्य सरकार द्वारा भाजपा को राज्य में रथ यात्रा निकालने की अनुमति नहीं दिये जाने की पृष्ठभूमि में आयी है. पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा पर टिप्पणी करते हुए श्री त्रिपाठी ने कहा कि हिंसा चाहे राजनीतिक गतिविधियों से जुड़ी हो या आपराधिक, उसकी हमेशा निंदा होनी चाहिए.

श्री त्रिपाठी ने एक साक्षात्कार में कहा : लोकतंत्र में राजनीतिक कार्यक्रम तो होंगे ही. यह संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों का हिस्सा है, इसलिए सभी दलों को संविधान की मूल भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उसके प्रावधानों का पालन करना चाहिए. राज्यपाल से पूछा गया था कि क्या राज्य सरकार का राजनीतिक दलों को यात्रा या रैलियां निकालने से रोकना उचित है.

श्री त्रिपाठी ने हालांकि इस पूरे मामले में किसी पार्टी या सरकार का नाम नहीं लिया, लेकिन कभी भाजपा से जुड़े रहे श्री त्रिपाठी की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आयी है, जब तृणमूल कांग्रेस सरकार ने भगवा पार्टी को राज्य में रथयात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी है. भाजपा की यह रथ यात्रा सभी 42 संसदीय क्षेत्रों से गुजरनेवाली थी. यात्रा की अनुमति को लेकर दोनों दलों के बीच तनातनी चल रही है. बंगाल के लोगों से लोकसभा चुनावों के दौरान शांति और कानून-व्यवस्था बनाये रखने की अपील करते हुए श्री त्रिपाठी ने कहा :
हिंसा चाहे राजनीतिक हो या आपराधिक उसका हमेशा विरोध और आलोचना होनी चाहिए. पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक हिंसा की कथित घटनाओं में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए श्री त्रिपाठी ने कहा : सांप्रदायिक या अन्य किसी भी कारण से होनेवाली हिंसा को लोगों का समर्थन हासिल नहीं होता है.
बशीरहाट दंगों के दौरान उनके और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच हुई कहासुनी के बारे में सवाल पर उन्होंने कहा : प्रत्येक राज्य का कर्तव्य है कि वह बिना किसी भेदभाव के काम करे और सरकार में लोगों का विश्वास बनाये रखने के लिए कानून-व्यवस्था बनाये रखे. बशीरहाट सांप्रदायिक तनाव के दौरान मुख्यमंत्री और राज्यपाल में काफी कहासुनी हो गयी थी. यहां तक कि सुश्री बनर्जी ने श्री त्रिपाठी के बारे में कहा था कि वह ‘भाजपा के जिला प्रमुख’ की तरह व्यवहार कर रहे हैं.
पश्चिम बंगाल में कभी भी राष्ट्रपति शासन लगाने का विचार मन में आने के संबंध में सवाल करने पर श्री त्रिपाठी ने स्पष्ट कहा कि वह अपने पास उपलब्ध तथ्यों के आधार पर अपने विचार तय करते हैं. उन्होंने कहा : वैसे भी वह विचार समुचित प्राधिकार को बताया जाना है.

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