कोलकाता : संशोधनागार के बंदियों को लेकर आयोजित प्रदर्शनी मेले का उद्घाटन करते हुए राज्य के कारागार मंत्री उज्जवल विश्वास ने कहा कि इस मेले में राज्य के आठ जेलों के बंदी भाग ले रहे हैं. मेले में उनके द्वारा तैयार वस्तुओं प्रदर्शनी भी लगायी गयी है. इन वस्तुओं की बिक्री से होनेवाली आय उस बंदी को मिलेगी. बंदी इसे अपने परिजनों को भेज सकता है.
उन्होंने कहा कि राज्य में सबसे पहले प्रेसीडेंसी जेल में यह प्रयोग किया गया था. इसके बाद दमदम जेल के बंदियों के लिए भी यह व्यवस्था की गयी थी. कोलकाता से बाहर जिलों में पहली बार इस तरह की प्रदर्शनी आयोजित की गयी है, क्योंकि राज्य सरकार खास तौर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अनुप्रेरणा से राज्य का हर कारागार संशोधनागार में तब्दील हो चुका है.
यह स्थिति पूरे देश में होनी चाहिए. जेल में बंद कैदियों की भी मानवीय खूबियां या गुण-दोष हो सकते हैं. उनकी अभिव्यक्ति भी जरूरी है. प्रदर्शनी में शामिल अलीपुर जेल से आये बंदी मोहम्मद एकलान ने कहा कि वह हत्या के एक मामले में 25 साल से जेल में है. प्रदर्शनी में उसने परिधान का स्टॉल लगाया है. उसे इसमें भाग लेकर अच्छा लग रहा है. इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक (कारागार) अरुण गुप्ता, कारागार विभाग के प्रधान सचिव संजय मुखर्जी आदि उपस्थित रहे.