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तीन दिन केवल सात घंटे चलेंगी निजी बसें
कोलकाता : ईंधन की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर किराया बढ़ाने की मांग को लेकर निजी बस मालिकों ने राज्य सरकार पर दबाव बनाने का फैसला लिया है. ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट से जुड़े निजी बस आपरेटर 29 से 31 अक्तूबर तक सांकेतिक हड़ताल करेंगे. वे तीन दिनों तक कार्यालय के समय सुबह आठ से […]
कोलकाता : ईंधन की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर किराया बढ़ाने की मांग को लेकर निजी बस मालिकों ने राज्य सरकार पर दबाव बनाने का फैसला लिया है. ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट से जुड़े निजी बस आपरेटर 29 से 31 अक्तूबर तक सांकेतिक हड़ताल करेंगे. वे तीन दिनों तक कार्यालय के समय सुबह आठ से 11 बजे तक और शाम चार से रात आठ बजे तक ही बसें चलायेंगे. यह आंदोलन कोलकाता, उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिले में होगा.
काउंसिल का कहना है कि डीजल दाम में जिस रफ्तार से बढ़ोतरी हुई है उसके मुताबिक बसों का किराया नहीं बढ़ा है. इससे बस चलाना घाटे का सौदा हो गया है. लिहाजा खर्च कम करने के लिए बस मालिकों ने यह फैसला लिया है. हालांकि इस फैसले से आम यात्रियों को तकलीफ होगी. लेकिन दफ्तर के समय में उनके (बस मालिक) सहयोग के कारण सामान्य जनजीवन पर इसका खास प्रभाव नहीं पड़ेगा.
इस आंदोलन में बंगाल बस सिंडिकेट शामिल नहीं हो रहा है. बस मालिकों का कहना है कि उन्होंने किराये में बढ़ोतरी के लिए राज्य सरकार को 24 अक्तूबर तक का समय दिया था. इस दौरान राज्य सरकार ने कोई पहल नहीं की. इस वजह से हमें यह फैसला लेना पड़ा. फिलहाल यह आंदोलन कोलकाता, उत्तर व दक्षिण 24 परगना जिले में होगा.
ज्वाइंट काउंसिल आफ बस सिंडिकेट के संयुक्त सचिव तपन दास ने कहा कि 29 से 31 अक्तूबर तक यह आंदोलन चलेगा. इसके बाद एक नवंबर को हम महाजुलूस निकालेंगे. उस दिन बस मालिक वस्त्रहीन होकर लेनिन सरणी से डोरिना क्रॉसिंग तक जुलूस निकालेंगे.
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