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मालिकों से ज्यादा प्रभावशाली था बागड़ी मार्केट का केयरटेकर, पलटन की गिरफ्तारी की उठी मांग

कोलकाता : बागड़ी मार्केट अग्निकांड पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान आने के बाद तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय को मार्केट की वस्तुस्थिति के बारे में पूरा ब्योरा सौंपा है. वार्ड 45 के तृणमूल अध्यक्ष राजीव राय ने बताया कि इस मार्केट में अवैध रूप से दुकानों का आवंटन करने में […]

कोलकाता : बागड़ी मार्केट अग्निकांड पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान आने के बाद तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय को मार्केट की वस्तुस्थिति के बारे में पूरा ब्योरा सौंपा है. वार्ड 45 के तृणमूल अध्यक्ष राजीव राय ने बताया कि इस मार्केट में अवैध रूप से दुकानों का आवंटन करने में केयरटेकर की ही मुख्य भूमिका थी. मािलकों की गिरफ्तारी के साथ ही साथ केयरटेकर की भी गिरफ्तारी से सभी विषयों की सही जानकारी प्राप्त हो सकेगी. सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि सबसे पहले बाहर डाला में आग लगी थी. 30 दरवानों के रहते हुए भी आग इतनी कैसे फैल सकती है.
स्थानीय पार्षद सुनीता झंवर ने भी बताया कि मार्केट की पूरी व्यवस्था जिस केयरटेकर ने अपने हाथ में ले रखी थी, उसका नाम है पलटन.
उल्लेखनीय है कि सीएम ने भी जर्मनी में मीडिया को बताया कि मार्केंट के जर्रे-जर्रे तक को, यहां तक कि सीढ़ी और बाथरूम को भी बेच दिया गया था. और इससे आग बुझाने में काफी परेशानी हुई.
बागड़ी मार्केट की जानकारी रखनेवालों का कहना है कि मार्केट के पुराने मालिक गोपाल दास बागड़ी की दो संताने थीं. पहले बेटे मोहन बागड़ी की ओर से वरुण बागड़ी हैं, तो गोपाल दास के दूसरे बेटे की पत्नी राधा बागड़ी के अलावा एक कोठारी का भी नाम सामने आ रहा है. राधा और मोहन के अलावा कोठारी के बीच भी मालिकाना को लेकर टकराव होते रहता है.
आरोप है कि मालिक पक्षों के बीच आपसी लड़ाई का फायदा उठाकर वहां पर सुरक्षा का जिम्मा उठानेवाला पलटन अपनी मनमर्जी करता था. फिलहाल बड़ाबाजार के धर्मशाला में रह रहे एक दरवान ने बताया कि आपसी तनातनी के कारण उनलोगों को वेतन भी नहीं मिल रहा था. दरवानों का मुखिया पलटन है. व्यवसायियों को बागड़ी मार्केट में स्थापित करने में इनकी बड़ी भूमिका बतायी जा रही है. मार्केट के एक दुकानदार सुलेमान के मुताबिक यही पलटन बागड़ी मार्केट का अघोषित मालिक बन गया है.
शक की सुई इसी के इर्द-गिर्द घूम रही है, क्योंकि सुरक्षा और देखरेख की जिम्मेवारी जब उसकी थी, तो वहां पर सीढ़ी और बाथरूम तक कैसे बिक गया. इसके अलावा सुरक्षाकर्मी के रहते हुए वहां आग कैसे लगी? आग लगी, तो वहां पर रिजर्वर में पानी क्यों नहीं मिला. इसकी आधिकारिक जिम्मेवारी तो पलटन की ही बनती है. यह बात व्यवसायियों की बैठक में भी उठी.
इस बाबत जब दरवान पलटन के बारे में इलाके की पार्षद सुनीता झंवर से पूछा गया, तो उन्होंने पलटन को दरवान कहने की बजाय केयरटेकर संबोधित करने की सलाह दी.और कहा कि यह सब जांच का विषय है. फिलहाल पहली प्राथमिकता राहत कार्य व प्रभावित लोगों को इंसाफ दिलाना है.
मुझ पर लगे आरोप बेबुनियाद : पलटन
दूसरी ओर, खुद पर लगे आरोप को सिरे से खारिज करते हुए पलटन दास ने कहा कि उसके खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है. वह वहां कोई केयरटेकर वगैरह नहीं है, बल्कि वह बागड़ी मार्केट टेनेंट वेलफेयर एसोसिएशन का सचिव है और किरायेदारों के हित की बात करता है. इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित किरायेदार ही हुए हैं. केयरटेकर की जिम्मेदारी मालिक पक्ष ही उठाते हैं.
उसका इससे कोई लेना देना नहीं है. बल्कि वह बार-बार यहां की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाते आ रहा है. अगर कोई उसे इस मामले में केयरटेकर साबित करने की कोशिश कर रहा है, तो वह गलत है. वह पूरी तरह से किरायेदारों के साथ है और साजिश के तहत उस पर आरोप लगाये जा रहे हैं.
बचा है तो सिर्फ राख का ढेर, दुकान ही था एकमात्र रोजी-रोटी का सहारा
कोलकाता : बागड़ी मार्केट की आग में कइयों दुकानें जल कर राख हो गयीं. सैकड़ों व्यवसायी सड़क पर आ गये. इसी क्रम में कई व्यवसायियों से पूछे जाने पर उनके मुंह से सिर्फ यही शब्द निकल रहे हैं. साहब, क्या बताऊं, क्या बचा है. बचा है तो सिर्फ राख का ढेर और कुछ नहीं.
एक व्यवसायी विनोद शर्मा ने बताया कि सब कुछ जल चुका है. बची है तो सिर्फ राख और कुछ भी नहीं.
मेरे भाई जी हितेश संघवी की तीसरे तल्ले पर रुसव इंटरप्राइज नामक दवा की दुकान थी जो आग में जलकर खाक हो गयी. लाखों का माल पूरी तरह से जलकर खाक हो गया है. नकदी पांच लाख रुपये भी जलकर खाक हो गये. भाइजी के परिवार के लिए मात्र वहीं दुकान ही एक मात्र सहारा थी.
बेटा हेरिटेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है. हालत ऐसी हो गयी है कि अब क्या किया जाये, समझ में भी नहीं आ रहा है. आग का दृश्य देखकर दवा व्यवसायी हितेश संघवी घटना के दिन ही सदमे से बेहोश हो गये थे. उस वक्त तक दुकान बची थी लेकिन धीरे-धीरे आग ने विकराल रूप ले लिया और सारे अरमान आग में जल कर खाक हो गये. इसी तरह से प्रथम तल्ले पर स्थित बी और सी ब्लॉक के किनारे की दुकानों के व्यवसायी मंगलवार को अपनी जली दुकानों‍ से बचे सामानों को निकालते दिखे.

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