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कोलकाता : आधार से नहीं जुड़ेगा राशन कार्ड

बोले राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार राशन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का फरमान नहीं मानेगी. केंद्र सरकार चाहे कुछ भी कह दे, हम बंगाल में इसे लागू नहीं करेंगे. यह जानकारी मंगलवार को राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने दी. उन्होंने कहा कि केंद्र […]

बोले राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक
कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार राशन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का फरमान नहीं मानेगी. केंद्र सरकार चाहे कुछ भी कह दे, हम बंगाल में इसे लागू नहीं करेंगे. यह जानकारी मंगलवार को राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने दी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों से पूछे बिना तुगलकी फरमान जारी कर रही है, जिसे हमारी सरकार नहीं मानेगी. चाहे केंद्र सरकार जो भी कहे, हम यह फैसला नहीं मानेंगे. साथ ही खाद्य आपूर्ति मंत्री ने राशन वितरण प्रणाली को और बेहतर करने के लिए डीलरों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है. इसे लेकर राज्य सरकार द्वारा बहुत जल्द नोटिस जारी की जायेगी.
चावल की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं
हल्दिया. राशन में चावल की क्वालिटी को लेकर कोई समझौता राज्य का खाद्य विभाग नहीं करेगा. मंगलवार को कांथी, एगरा व हल्दिया खाद्य भवन के उद्घाटन समारोह में राज्य के खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि राशन में चावल की गुणवत्ता को लेकर कई शिकायतें मिल रही हैं. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि खराब चावल किसी भी हालत में न दिया जाये. खाद्य दफ्तर किसी प्रकार का इसपर समझौता नहीं कर सकता. अब से राज्य भर में 100 विजिलेंस टीमें दौरा करके चावल की गुणवत्ता पर नजर रखेंगी.
राज्य खाद्य दफ्तर ने कृषकों से सीधे और परिमाण में चावल खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है. गत वर्ष 35 लाख मेट्रिक टन धान खरीदा गया था. गत वर्ष कम धान इसलिए खरीदा गया था क्योंकि खाद्य दफ्तर के पास करीब 17 हजार मेट्रिक टन चाव था. लेकिन इस वर्ष गत वर्ष से अधिक धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
साथ ही धान की कीमत भी बढ़ायी गयी है. गत वर्ष 1550 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कृषकों से धान खरीदा गया था. मौजूदा वर्ष में 1750 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदा जायेगा. इससे कृषक लाभान्वित होंगे. धान बिक्री का पैसा सीधा कृषकों के बैंक खाते में पहुंच जायेगा.
धान की बिक्री में कृषकों को किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए स्वनिर्भर समूहों को और अधिक जोड़ा जायेगा. यह समूह बिक्री में सहायता करेंगे. एक अक्तूबर से खाद्य दफ्तर के पास धान बिक्री के लिए कृषकों का रजिस्ट्रेशन शुरू होगा. पंजीकरण कराने पर कृषकों को एक कार्ड मिलेगा जिसे दिखाकर सरकारी धान क्रय केंद्र में सरकारी दाम पर वह धान बिक्री कर सकेंगे.

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