कोलकाता: मंत्रियों के बाद अब राज्य के विधायकों का वेतन बढ़ाने की तैयारी है. विधायकों का वेतन डेढ़ गुणा बढ़ सकता है. सूत्रों के मुताबिक, वेतन बढ़ोतरी के मामले से जुड़ी कमेटी के चेयरमैन विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी के प्रस्ताव को वित्त विभाग के पास मंजूरी के लिये भेज दिया गया है. वेतन व भत्ता में बढ़ोतरी संबंधी इस प्रस्ताव को नवान्न (राज्य सचिवालय) से हरी झंडी मिलते ही अमली जामा पहना दिया जायेगा.
जानकारी के अनुसार, वेतन व विभिन्न भत्तों को मिलाकर प्रत्येक विधायक की तनख्वाह 84 हजार रुपये प्रतिमाह हो जायेगी. इससे विधायकों का वेतन मंत्री, विरोधी दल के नेता और अध्यक्ष के समकक्ष हो जायेगा. कुछ दिनों पहले मंत्रियों का वेतन बढ़ा कर 84 हजार रुपये कर दिया गया था. इससे विधायकों में नाराजगी थी.
उस वक्त विधायकों का वेतन महज पांच हजार रुपये बढ़ा था. जिसे विधायक स्वीकार नहीं कर पा रहे थे. विधायकों में असंतोष था, लेकिन वे चुप थे. इसके बाद कमेटी की पहली बैठक में कांग्रेस विधायक मनोज भट्टाचार्य ने इस मुद्दे को उठाया. उन्होंने विधायकों का डीए और दैनिक भत्ता मंत्रियों की तरह दोगुना करने का प्रस्ताव दिया. जिसे विधानसभाध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया था. उधर, वाममोर्चा के विधायक व पूर्व विधायक भत्ता नहीं बढ़ने से नाराज चल रहे थे. वे वेतन और भत्ता नहीं बढ़ाये जाने तक विरोध स्वरूप अपना वेतन नहीं ले रहे थे.
गौरतलब है कि इसी साल अप्रैल से मुख्यमंत्री का वेतन आठ हजार पांच सौ रुपये से बढ़कर 27 हजार एक रुपये हो गया. विपक्ष के नेता का वेतन 10 हजार दो सौ से बढ़कर 22 हजार रुपये और कैबिनेट मंत्रियों का वेतन साढ़े सात हजार से बढ़कर 22 हजार रुपये हो गया. इसी तरह राज्य मंत्रियों का वेतन सात हजार तीन सौ रुपये से बढ़ाकर 21 हजार नौ सौ रुपये कर दिया गया. विधानसभा अध्यक्ष का वेतन 11 हजार सात सौ रुपये से बढ़कर 27 हजार रुपये और विधानसभा उपाध्यक्ष का वेतन 10 हजार छह सौ रुपये से बढ़कर 21 हजार नौ सौ रुपये हो गया है. वेतन के साथ मंत्रियों का दैनिक भत्ता भी बढ़ा है.
दैनिक भत्ता एक हजार से बढ़कर दो हजार रुपये हो गया है. यानी प्रतिमाह 60 हजार रुपये का भत्ता मिल रहा है. विधायकों का वेतन नहीं बढ़ा था. नये प्रस्ताव के मुताबिक, विधायकों का वेतन साढ़े 12 हजार से बढ़ाकर साढ़े 17 हजार रुपये किया जायेगा. यहीं नहीं, विधायकों को भी दो हजार रुपये दैनिक भत्ता मिलेगा. यानी नया प्रस्ताव मंजूर हो जाता है तो विधायकों का वेतन और भत्ता बढ़ कर प्रतिमाह 84 हजार रुपये हो जायेगा. यह बढ़ोतरी लगभग डेढ़ गुणा होगी.
राज्य कर्मचारियों में नाराजगी: उधर, विधायकों के वेतन और भत्ते में बढ़ोतरी के प्रस्ताव से राज्य कर्मचारियों में नाराजगी है. कर्मचारियों का कहना है कि उनका 57 फीसदी डीए बकाया है. वे छठे वेतन आयोग की अवधि एक साल बढ़ाने से भी नाराज हैं. कोआर्डिनेशन कमेटी समेत अन्य संगठनों के लोग विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं.