प्रथम वर्ष के छात्र की रैगिंग के बाद मौत का मामला
कोलकाता. जादवपुर यूनिवर्सिटी (जेयू) में छात्र की मौत की घटना के करीब नौ महीने के बाद जांच रिपोर्ट शुक्रवार को वर्किंग कमेटी को सौंपी गयी. पिछले साल अगस्त में जेयू में एक छात्र की मौत हो गयी थी. रैगिंग की वजह से छात्र की मौत होने की पड़ताल आंतरिक जांच कमेटी ने की. इसकी रिपोर्ट भी तैयार हुई थी, लेकिन अभी तक जादवपुर की कार्यसमिति की बैठक में रिपोर्ट पर चर्चा नहीं हुई. शुक्रवार को कार्यसमिति की बैठक में जांच कमेटी की रिपोर्ट पेश की गयी. गौरतलब है कि छात्र की मौत की घटना की जांच के दौरान समिति को शुरू से ही विवादों का सामना करना पड़ा. तत्कालीन कुलपति बुद्धदेव साउ ने उनकी जांच की कार्रवाई पर सवाल उठाया था. लेकिन इसके बावजूद आंतरिक समिति ने जांच जारी रखी. कमेटी उस जांच के आधार पर एक रिपोर्ट भी तैयार की, जो एंटी रैगिंग कमेटी को भेजी गयी. कमेटी ने कुछ हिस्सों को छोड़ कर रिपोर्ट पास कर दी. इस रिपोर्ट में विभिन्न सिफारिशें की गयी हैं, लेकिन इन्हें प्रभावी बनाने के लिए रिपोर्ट को कार्यसमिति तक पहुंचाने का प्रयास किया गया. जेयू में अचानक अंतरिम वीसी बुद्धदेव साउ को हटा दिया गया और रिपोर्ट ठंडे बस्ते में चली गयी.
वर्तमान में, भास्कर गुप्ता ने विश्वविद्यालय के अस्थायी कुलपति के रूप में कार्यभार संभाला है. कार्यसमिति की बैठक में रिपोर्ट पेश की गयी. नवगठित कार्यसमिति में राज्यपाल के प्रतिनिधि के रूप में बागबाजार हरनाथ स्कूल के प्राचार्य काजी मासूम अख्तर, नेशनल लाइब्रेरी के निदेशक अजय प्रसाद सिंह, जादवपुर यूनिवर्सिटी के अंग्रेजी विभाग के प्रमुख मनोजीत मंडल राज्य सरकार के प्रतिनिधि हैं. हालांकि कई लोगों ने उनकी मौजूदगी पर सवाल उठाये हैं. सवाल उठाये जा रहे हैं कि छात्र की मौत जैसी गंभीर घटना की रिपोर्ट पर कार्यसमिति को बैठक करने में इतना समय क्यों लगा.
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