कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में नगर निगम की एक गाड़ी से लोहे के छड़ की मदद से अज्ञात शवों को अमानवीय तरीके से घसीटकर उसे अंतिम संस्कार के लिए ले जाने का वीडियो वायरल हो गया. इसके बाद बवाल मच गया. बुधवार को यह घटना गरिया श्मशान घाट में घटी. इससे जुड़े एक वीडियो के सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद से इसकी घोर निंदा हो रही है. वीडियो फुटेज कितना सही है, इसकी जांच नहीं हुई है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि बुधवार को कोलकाता नगर निगम की एक गाड़ी करीब 14 शव लेकर गरिया श्मशान घाट के गेट के बाहर आकर रुकी. गाड़ी के अंदर से निगमकर्मी काफी अमानवीय तरीके से एक-एक शव को गाड़ी से उतारकर घसीट कर श्मशान घाट के अंदर ले जाने की कोशिश कर रहे थे. कथित तौर पर कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के शव होने के संदेह में यहां इनका संस्कार होने की खबर पर इलाके में संक्रमण फैलने के डर से लोगों ने शव अंदर ले जाने से रोका और वहीं पर प्रदर्शन करने लगे.
लोगों के इस प्रदर्शन की खबर पाकर बांसद्रोनी थाने की पुलिस वहां पहुंची. पूरे मामले की जानकारी लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों की बातों को सुनकर उन्हें समझाकर स्थिति को सामान्य कराया. लोगों के प्रदर्शन के कारण सभी शवों को निगमकर्मी गाड़ी में रखकर उसे वापस ले गये.
उधर, गाड़ी में बैठे निगमकर्मी ने बताया कि ये सभी शव एनआरएस मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शव गृह में काफी दिनों से पड़े थे. सभी लावारिस शव हैं. पहले इस तरह के लावारिस शवों को धापा स्थित डंपिंग ग्राउंड में ले जाकर वहां इनका संस्कार किया जाता था. अभी धापा में कोरोना से संक्रमित मृतकों के शव का संस्कार किया जा रहा है. इसलिए वे इन लावारिस शवों को लेकर इस श्मशान में संस्कार के लिए लाये थे.
क्या कहता है स्वास्थ्य विभाग
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों के आरोपों को खारिज कर दिया है. विभाग के बयान में कहा गया है कि इन सभी शवों में से एक भी कोरोना संक्रमित का शव नहीं है. शहर के विभिन्न अस्पतालों के शवगृहों में कुछ शव काफी दिनों से पड़े हुए थे, जिनके दावेदार नहीं मिले हैं, ये वही शव हैं. उनके ही शवों को दाह संस्कार के लिए भेजा गया था.
अमानवीयता की हद : विजयवर्गीय
भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने श्मशान से लाशों को ले जाने वाली वायरल वीडियो पर कहा, ‘ये अमानवीयता की हद है. किसी की मृत देह को ममता जी आपके राज में जिस तरह से घसीटकर गाड़ी में पटका जा रहा है, वो असहनीय है. क्या सरकार इस बात के लिए जवाबदेह नहीं है कि ये कृत्य क्यों किया गया. जनता में भय के साथ पश्चिम बंगाल सरकार के प्रति गुस्सा भी है.