झारखंड सीमा पर आंदोलनकारियों को पुलिस ने रोका डीवीसी ने परियोजना को बताया पर्यावरण हितैषी
पुरुलिया. दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) की ओर से पंचेत डैम के जलाशय पर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट लगाने की योजना स्थानीय लोगों और आदिवासी संगठनों के विरोध के चलते विवादों में घिर गयी है. बुधवार को जैसे ही प्रोजेक्ट का कार्य शुरू हुआ, सैकड़ों आदिवासी और मत्स्यजीवी समुदाय के लोग सड़कों पर उतर गये और विरोध प्रदर्शन किया.155 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य
डीवीसी सूत्रों के अनुसार, इस परियोजना के तहत कुल 155 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है. इसमें से 75 मेगावाट का हिस्सा बंगाल क्षेत्र के जलाशय में, 30 मेगावाट झारखंड हिस्से में और 50 मेगावाट भूमि आधारित सोलर प्लांट से होगा. यह प्रोजेक्ट डीवीसी और एनटीपीसी के संयुक्त उपक्रम के रूप में हजारों करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है.विरोध में उतरे स्थानीय लोग, रोजगार छिनने की आशंका
महेश नदी चेकपोस्ट के पास आयोजित प्रतिवाद सभा में आदिवासी संगठनों और मछुआरा समुदायों ने डीवीसी पर जबरन परियोजना थोपने का आरोप लगाया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इस प्रोजेक्ट से हजारों परिवार बेरोजगार हो जाएंगे, जो मछली पालन पर निर्भर हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि 24 घंटे के भीतर परियोजना बंद नहीं हुई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.डीवीसी का पक्ष और आंदोलन की चेतावनी
डीवीसी पंचेत डैम परियोजना के मुख्य अभियंता अभय श्रीवास्तव ने कहा कि सौर ऊर्जा उत्पादन का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना है. परियोजना केवल डीवीसी की भूमि और जल क्षेत्र पर स्थापित हो रही है, जिससे किसी अन्य को नुकसान नहीं होगा. उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन यहां पहले से निषिद्ध है, फिर भी प्रभावितों के लिए वैकल्पिक आजीविका की व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है. बावजूद इसके, स्थानीय समुदाय का गुस्सा शांत नहीं हुआ है और आने वाले दिनों में आंदोलन तेज होने के संकेत मिल रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

