जताया प्रतिवाद और धमकाने की प्रवृत्ति के खिलाफ लगायी गुहार बांकुड़ा. सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने गुरुवार को मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया. उनका आरोप है कि कार्यस्थल पर ‘थ्रेट कल्चर’ यानी धमकाने की प्रवृत्ति बढ़ गयी है. अतिरिक्त जिम्मेदारियों और लगातार बढ़ते काम के बोझ से स्थिति असहनीय हो गयी है.
काम का दबाव व मानसिक तनाव
अधिकारियों ने बताया कि अन्य कर्मचारियों की जिम्मेदारियां जानबूझकर उन पर डाली जा रही हैं. उन्हें लैब टेक्नीशियन और डेटा एंट्री ऑपरेटर तक का काम करना पड़ रहा है. साथ ही टेलीमेडिसिन उपचार के लिए तय लक्ष्यों का दबाव भी झेलना पड़ता है. समय पर काम पूरा न होने पर वरिष्ठ अधिकारी अपमानित करते हैं, जिससे मानसिक यातना बढ़ रही है. उन्होंने दावा किया कि काम के बोझ और अवसाद के कारण एक अधिकारी ने आत्महत्या भी कर ली थी.
वर्ष 2016 से बढ़ा दबाव बड़े आंदोलन की चेतावनी
2016 में राज्य भर में स्वास्थ्य केंद्र खोले गए थे, जिनमें जीएनएम नर्सिंग स्टाफ को सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था. उनकी सहायता के लिए एएनएम नर्स भी तैनात की गई थी. लेकिन धीरे-धीरे दबाव बढ़ता गया और जिम्मेदारियां बढ़कर असंतुलित हो गईं. अधिकारियों ने कहा कि वे अब मजबूर होकर आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समस्याओं का तत्काल समाधान नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

