सर्वेयर टीम ने पहुंच कर की नपाई, एक हफ्ते में निगम मुख्यालय को देगी रिपोर्ट जलाशय को बचाने की मुहिम में लग गये हैं स्थानीय लोग रानीगंज. आस्था का केंद्र रानीगंज का बरदही जलाशय एक बार फिर सुर्खियों में है. मंगलवार को आसनसोल नगर निगम व बीएलआरओ विभाग के सर्वेयर टीम ने जलाशय की नापी की, जिस दौरान पूरे क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल रहा. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि भू-माफिया लंबे समय से इस जलाशय पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहे हैं.यहां तक कि कुछ लोगों ने जलाशय की भूमि को अपने नाम रजिस्ट्री करा ली है, जबकि कुछ ने इसे बीएलआरओ की मदद से व्यावसायिक दुकान क्षेत्र में इस तालाब के रिकॉर्ड बदल दिया है. इसलिए स्थानीय लोग जलाशय को बचाने की मुहिम में जुट गये हैं. रानीगंज के वार्ड 36 में स्थित जेएल 24, दाग नंबर 126 पर स्थित 32 बीघा जमीन पर फैले इस जलाशय की नापी तीसरी बार की गयी. स्थानीय लोगों की लंबे समय से शिकायत थी कि तालाब का क्षेत्रफल घटता जा रहा है और इस पर अवैध निर्माण हो रहा है. इस मौके पर वार्ड पार्षद दिव्येंदु भगत ने नापी टीम से मांग की कि पूरी 32 बीघा भूमि को चिह्नित कर जलाशय के रूप में सुरक्षित किया जाए. उन्होंने कहा कि लोग एक दशक से इसे बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और कई बार लिखित शिकायतें भी की जा चुकी हैं. स्थानीय निवासी और जलाशय के एक हिस्से के मालिक उत्तम भगत ने बताया कि 32 बीघा जमीन में से कम से कम 15 बीघा पर कब्ज़ा हो चुका है. उन्होंने कहा कि यह केवल जलस्रोत नहीं, बल्कि आस्था का स्थल है, जहां छठ पूजा ,दुर्गापूजा और अन्य धार्मिक अवसरों पर हजारों श्रद्धालु जुटते हैं.यहां वर्षो पुराने श्राद्ध कर्म के लिए बनाए गए भवन भी जीर्ण-शीर्ण ह्यो उठा है. स्थानीय महिला रेखा देवी महतो ने बताया कि यह तालाब लगभग 100 साल पुराना है और इसका पानी पहले पीने के काम आता था.अब अवैध अतिक्रमण और आसपास के फ्लैट और मकानों के गंदे पानी की तालाब में प्रवेश की वजह से इसकी हालत खराब हो चुकी है. पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष गौतम घटक ने कहा कि इस भूमि पर सटीक तरीके से पार्क और नाली निर्माण की योजना बनी थी, लेकिन बाद में गलत तरीके से इसके निर्माण की कोशिश की गई. नपाई के दौरान निगम के बोरो अध्यक्ष मुजम्मिल शहजादा, तृणमूल कांग्रेस टाउन अध्यक्ष रूपेश यादव, सर्वेयर केदारनाथ, रंजीत कुंडू, चंद्रशेखर घोषाल, अमित नाग मौजूद थे. बोरो अध्यक्ष मुजम्मिल शहजादा ने कहा कि फिलहाल 126 नंबर दाग की 32 बीघा भूमि का सर्वेक्षण हो रहा है, जिसके बाद सरकार की ओर से योजनाबद्ध कार्रवाई की जायेगी और आस्था के इस स्थल के साथ अन्याय नहीं होगा. बाद में मुजम्मिल शहजादा ने बताया कि जल निकासी के लिए 88 लाख रुपये की लागत से एक हाइड्रेन बनाया जा रहा थी, लेकिन लोगों ने यह कह कर काम रोक दिया कि तालाब को भर कर ड्रेन बनाया जा रहा है. उन्होंने आश्वस्त किया कि ड्रेन तालाब के किनारे बनाया जायेगा और तालाब की जमीन पर किसी भी कीमत पर अतिक्रमण नहीं होगा. पार्षद दिव्येंदु भगत ने यह भी आरोप लगाया कि चारों ओर से गंदे नाले का पानी जानबूझ कर तालाब में मिलाया जा रहा है, जिससे जलाशय दूषित हो रहा है. इस बीच, बीएलआरओ और नगर निगम के सर्वेयरों ने घंटों की मेहनत के बाद पैमाइश पूरी की, जिसकी रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर नगर निगम को सौंप दी जायेगी. इसके बाद तालाब के क्षेत्रफल की मार्किंग की जायेगी. स्थानीय लोगों ने साफ चेतावनी दी है कि जलाशय पर किसी भी तरह का कब्जा या प्रदूषण का प्रयास सफल नहीं होने दिया जायेगा.
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