आसनसोल. शिल्पांचल में कोयला के वैध और अवैध दोनों कारोबारों पर सिंडिकेट का सिस्टम फिर लागू होने के लिए तैयार है. इसी कड़ी में बंगाल झारखंड के सीमा पर कुल्टी थाना क्षेत्र के डूबुडी नाके से प्रतिमाह साढ़े सात (7.5) करोड़ उगाही का लक्ष्य रखा गया है. हालांकि यहां रुपये की वसूली जारी है, जिसे अब सिंडिकेट अपने कब्जे में लेगा. इस कार्य का दायित्य स्थानीय दबंग ‘एसवी’ को मिला है. आसनसोल, दुर्गापुर, मेजिया, बरजोड़ा, हल्दिया, कोलकाता आदि इलाकों के उद्योगों के लिए भारी मात्रा में कोयला झारखंड से जाता है. इसमें वैध व अवैध हर प्रकार का कोयला रहता है. मुख्यरूप से फेरो अलॉय प्लांट के लिए बीसीसीएल (झारखंड) के कोयले की जरूरत होती. इसका पूरा क्षेत्र झारखंड में है, ऐसे में यहां का कोयला हर कीमत पर बंगाल के उद्योगों में पहुंचेगी. बीसीसीएल के अलावा झारखंड में स्थित इसीएल और सीसीएल के खदानों से भी कोयला के साथ हार्ड कोक प्लांट का भी कोयला बंगाल में आता है. झारखंड से बंगाल में प्रवेश करने का मुख्य और अहम मार्ग एनएच-19 है और बॉर्डर पर डूबुडी नाका से ही कोयला लेकर इन वाहनों को गुजरना है. ऐसे में कोयला गाड़ियों से रंगदारी टैक्स यहीं वसूलने की सारी तैयारी हो चुकी है.
हमेशा से विवादों में रही है डूबुडी नाका पर वसूली, सीएम तक हुई है शिकायत
डूबुडी नाका पर कोयला लदे वाहनों से वसूली लंबे समय से चल रही है. समय-समय पर पुलिस यहां छापेमारी के अवैध कोयला लदे वाहनों को पकड़ती भी रहती है. धनबाद के कोयला ट्रेडर्स के एसोसिएशन की ओर से वैध कोयला लदे वाहनों से यहां वसूली को लेकर अनेकों बार विरोध किया गया और राज्य की मुख्यमंत्री के साथ पुलिस महानिदेशक को भी पत्र लिखा था. जिसपर कुछ खास फायदा नहीं हुआ. अब यहां सिंडिकेट का सिस्टम आरंभ होने की राह पर है. जिसे लेकर कोयला कारोबारियों में थोड़ी बेचैनी है.किन वाहनों से कितनी वसूली होगी, तैयार किया गया है पूरा चार्ट
स्थानीय सूत्रों के दावे पर यकीन करें, तो झारखंड से बंगाल में प्रतिदिन औसत 250 ट्रक कोयला आता है. इसमें से इसीएल, बीसीसीएल और सीसीएल से करीब 150 ट्रक कोयला, हार्डकोक उद्योगों से 50 ट्रक और अवैध कोयला 50 ट्रक कोयला आता है. रेट चार्ट के अनुसार इसीएल, बीसीसीएल और सीसीएल के खदानों से कोयला लेकर आ रहे वाहनों से दो हजार रुपये प्रति ट्रक, हार्ड कोक लेकर आ रहे वाहनों से दस हजार रुपये और अवैध कोयला लेकर आ रहे 14 चक्का तक वाहनों से 25 हजार रुपये और इससे अधिक चक्का वाले वाहनों से 30 हजार रुपये लिया जाएगा. यानी प्रतिदिन करीब 25 लाख की वसूली होगी. हालांकि यह रकम की वसूली अब भी हो रही. जिसे सिंडिकेट अपने कब्जे में लेगा.
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