मजदूरों का दावा, 5000 रुपये की सहायता नाकाफी
पुरुलिया. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रवासी मजदूरों को राज्य में रोकने के लिए श्रमश्री योजना की घोषणा की है, जिसके तहत मजदूरों को हर महीने 5000 रुपये की सहायता दी जायेगी. लेकिन योजना लागू होने के बावजूद हजारों मजदूर जिले से ओड़िशा और दक्षिण भारत के शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं. स्टेशनों पर ट्रेन पकड़ने के लिए प्रवासी मजदूरों की भीड़ देखी जा रही है. इस मुद्दे को नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया में उठाया है.मजदूरों का कहना
रोजगार चाहिए, ना कि बस सहायता: जिले के रहनेवाले मान पुराण महतो और आकाश महतो ने कहा कि 5000 रुपये से उनका परिवार नहीं चल सकता. दूसरे राज्यों में उन्हें 15000 रुपये से अधिक का वेतन मिलता है. जिले में रोजगार के अवसर न होने के कारण वे मजबूर होकर पलायन कर रहे हैं.राजनीतिक बयानबाजी तेज
भाजपा नेता गौतम राय ने कहा कि राज्य सरकार को पहले रोजगार के अवसर पैदा करने होंगे, क्योंकि बड़े उद्योग न होने से युवा बेरोजगार हैं. दूसरी ओर तृणमूल नेता शहदेव महतो ने दावा किया कि जिले में कई उद्योग स्थापित हो रहे हैं. उन्होंने स्वीकार किया कि 5000 रुपये मजदूरों के लिए पर्याप्त नहीं हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ने मानवीय पहल के तहत यह योजना शुरू की है और मजदूरों से राज्य में रहने की अपील की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

