रामकुमार, आसनसोल
डाक विभाग ने आसनसोल हेड पोस्ट ऑफिस के तहत एक बड़ी पहल शुरू की है. अब शहर और गांव के हर घर को डिजिटल पोस्टल इंडेक्स नंबर यानी डीजी पिन (डीजीपीआइएन) से जोड़ा जायेगा. इससे डाकिया मोबाइल की लाइव लोकेशन के आधार पर किसी भी गली-मोहल्ले तक आसानी से चिट्ठी और पार्सल पहुंचा सकेगा.क्यों शुरू किया गया डीजी पिन
वरिष्ठ डाक अधीक्षक आसू मान ने बताया कि अब तक कई बार अधूरे पते की वजह से डाकिया लोगों को सही घर नहीं खोज पाते थे. इस कारण पत्र और पार्सल वापस लौटाने पड़ते थे. इसी समस्या को दूर करने के लिए इंडियन पोस्ट ने डीजी पिन सिस्टम तैयार किया है. इसके तहत आसनसोल सर्कल के सभी 56 डिवीजन में मैपिंग की जा रही है.कैसे मिलेगा डीजी पिन
हर मकान को 10 अंकों का डिजिटल पोस्टल इंडेक्स नंबर दिया जाएगा. कोई भी व्यक्ति इंडियन पोस्ट ऑफिस की वेबसाइट dac.indiapost.gov.in या मोबाइल ऐप पर जाकर अपना पूरा पता दर्ज करेगा. इसके बाद उसे डीजी पिन मिल जायेगा. यह नंबर डालते ही डाकिया मोबाइल पर लोकेशन देखकर आसानी से घर तक पहुंच सकेगा.
डाकियों को दी गयी ट्रेनिंग
आसनसोल में कुल 265 डाकियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा चुका है. उन्हें बताया गया है कि कैसे मोबाइल पर लाइव लोकेशन देखकर सही पते तक पहुंचा जाए. पहले जहां करीब 30 से 35 प्रतिशत पार्सल अधूरे पते की वजह से वापस लौट जाते थे, अब डीजी पिन से यह समस्या काफी हद तक खत्म हो जायेगी.
क्या है डीजी पिन
डीजी पिन यानी डिजिटल पोस्टल इंडेक्स नंबर 10 अंकों का कोड होता है. इसे मैपिंग तकनीक के जरिये तैयार किया जाता है और हर पते को 4 मीटर के दायरे में लोकेशन से जोड़ा जाता है. इससे किसी भी जगह का सटीक डिजिटल पता मिल जाता है.
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