संतोष विश्वकर्मा, आसनसोल
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की इकाइयों में स्थायी कर्मियों की संख्या लगातार घट रही है. बर्नपुर इस्को स्टील प्लांट (आइएसपी) में जनवरी 2017 तक 7210 कर्मचारी कार्यरत थे, जो अगस्त 2025 में घटकर 3742 रह गये. यानी सात साल में 3468 की कमी आयी और कर्मियों की संख्या आधी हो गयी. हर माह 100 से अधिक अनुभवी कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जिनकी जगह उत्पादन कार्य ठेका श्रमिकों से कराया जा रहा है.भर्ती में कमी, खाली पद ठेका श्रमिकों से भरे
आइएसपी में रिटायर हुए कर्मचारियों की केवल 20 फीसदी भर्ती हो रही है, जबकि 80 फीसदी पद खाली हैं. वर्तमान में तकरीबन 15 हजार (80 फीसदी) ठेका श्रमिक काम कर रहे हैं. जबकि बीते पांच वर्षों में सेल ने रिकॉर्ड मुनाफा कमाया और हर साल एक लाख करोड़ से अधिक का टर्नओवर किया है, इसके बावजूद कर्मचारी 39 माह के फिटमेंट एरियर और 58 माह के पर्क्स एरियर का इंतजार करते सेवानिवृत्त हो रहे हैं. ठेकेदार मजदूर कांग्रेस (इंटक) के अध्यक्ष विजय सिंह ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार स्थायी प्रकृति के कार्य में ठेका श्रमिकों की नियुक्ति नहीं हो सकती, लेकिन सेल स्थायी कर्मियों के पद खाली रखकर यह काम ठेका श्रमिकों से करा रही है. ठेका श्रमिकों को न तो स्थायी कर्मचारियों के बराबर वेतन मिलता है और न ही 26 दिन का पूरा कार्य. यहां तक कि आइएसपी बर्नपुर और डीएसपी के ठेका कर्मियों के वेतन में भी बड़ा अंतर है.अन्य इकाइयों में भी भारी गिरावट
जनवरी 2017 में सेल की विभिन्न इकाइयों में कुल 71008 कर्मचारी कार्यरत थे, जो अगस्त 2025 में घटकर 41436 रह गये. यानी 28570 की कमी हुई. 2017 में भिलाई स्टील प्लांट में 21234, दुर्गापुर में 8615, राउरकेला में 13901, बोकारो में 12452, बर्नपुर में 6210, एलॉय स्टील प्लांट में 756, एसएसपी में 909, भद्रावती में 370, सीएमओ में 683, एसआरयू में 756, कोलियरी में 1251, कॉरपोरेट में 198, सीएफसी में 340 और अन्य इकाइयों में 325 कर्मचारी थे.2025 में भिलाई में 10778, दुर्गापुर में 7034, राउरकेला में 9799, बोकारो में 8477, बर्नपुर में 3681, एलॉय स्टील प्लांट में 420, एसपी में 568, भद्रावती में 188, सीएमओ में 342, एसआरयू में 315, कोलियरी में 787, कॉरपोरेट में 107, सीएफसी में 80 और अन्य में 92 कर्मचारी रह गये हैं.
जोखिम भरे काम भी ठेका श्रमिकों से
आइएसपी में लोको संचालन और क्रेन चलाने से लेकर ब्लास्ट फर्नेस, यूनिवर्सल रेल मिल, कोक ओवन, रेल एंड स्ट्रक्चर मिल, टीएंडडी, बीआरएम सहित हर विभाग में ठेका श्रमिक काम कर रहे हैं. यहां तक कि फर्नेस और मिल एरिया में हॉट मेटल की नाली की सफाई जैसे जोखिम भरे कार्य भी उन्हीं से करवाये जा रहे हैं. नये श्रमिक अनुभव की कमी के कारण सुरक्षित तरीके से काम नहीं कर पाते, जिससे कई बार हॉट मेटल उनके शरीर पर गिरकर गंभीर निशान छोड़ देता है.
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