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बीरभूम को नंदीग्राम नहीं बनने दिया जायेगा :ममता
पाड़ुई, सात्तोर में जारी अशांति पर नाराजगी, नियंत्रण का आदेश पानागढ़ :मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि बीरभूम जिले में हिंसा बरदाश्त नहीं की जायेगी. जिले को नंदीग्राम नहीं बनने दिया जायेगा. जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विकास योजनाओं की समीक्षा करने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि […]
पाड़ुई, सात्तोर में जारी अशांति पर नाराजगी, नियंत्रण का आदेश
पानागढ़ :मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि बीरभूम जिले में हिंसा बरदाश्त नहीं की जायेगी. जिले को नंदीग्राम नहीं बनने दिया जायेगा. जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विकास योजनाओं की समीक्षा करने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बाहर से हथियारबंद अपराधियों को लाकर गांवों में गुंडागर्दी और अराजकता फैलाने की कोशिश बरदाश्त नहीं की जायेगी. इसके पहले उन्होंने बोलपुर गीतांजलि प्रेक्षागृह में जिला प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सात्तोर कांड की पीड़िता ने जरूर कोई अपराध किया है, तभी तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है वरना बिना दोष के किसी को क्यों गिरफ्तार किया जायेगा? उल्लेखनीय है कि सात्तोर की एक महिला ने पुलिसकर्मियों पर जंगल में ले जाकर अत्याचार का आरोप लगाया था. इस महिला को हाल ही में इसके पति के साथ गिरफ्तार किया गया है. ये भाजपा समर्थक बताये जाते हैं. पुलिस का बचाव करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है. इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है. भाजपा का नाम लिये बगैर उन्होंने कहा कि बाहरी गुंडों को लेकर हिंसा और अराजकता फैलाने वाले सचेत हो जायें. बीरभूम के शांत परिवेश को किसी भी हालत में अशांत नहीं होने दिया जायेगा.
पारूई मामले को लेकर डीजी को सख्त आदेश दिया कि वहां अविलंब शांति बहाल की जाये.गौरतलब है कि पूर्व मेदिनीपुर के नंदीग्राम में किसानों ने इंडोनेशिया की कंपनी के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध किया था. तत्कालीन वाम मोरचा के शासन के दौरान जबरन भूमि अधिग्रहण की कोशिश से हिंसा भड़क गयी थी. पुलिस की कार्रवाई में 14 ग्रामीणों की मौत हो गयी और कई घायल हो गये. दूसरी तरफ, हुगली जिले के सिंगुर में किसानों के एक वर्ग ने टाटा के नैनो कारखाने के लिए जमीन देने से इनकार कर दिया. वाम मोरचा शासन के दौरान ममता बनर्जी ने किसानों के पक्ष में आंदोलन चलाया. विवाद के चलते टाटा को अपना कारखाना गुजरात स्थानांतरित करना पड़ा.
सरकार गठन के बाद जिले में 99वीं प्रशासनिक बैठक के पहले उन्होंने सर्किट हाउस में जिलाशासक व पुलिस अधीक्षक के साथ बैठक की. बैठक में बोलपुर, रामपुरहाट, सिउड़ी के अनुमंडल पुलिस अधिकारी व डीएसपी आदि मौजूद थे. उन्होंने पाडुई थाना क्षेत्र में चल रही अशांति के बारे में जानकारी मांगी. उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में जारी हिंसा पर रोक लगनी चाहिए. इस बैठक में इलाके की विधि-व्यवस्था, कोयला तस्करी सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई. सुश्री बनर्जी ने सातोर में जारी हिंसा को बंद करने, इसके कारणों की तलाश करने तथा शीघ्र उनका समाधान करने का निर्देश दिया.
प्रशासनिक बैठक में विकास योजनाओं की समीक्षा की गयी. विशेषकर सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं के बारे में उन्होंने जानकारी मांगी. मनरेगा पर उन्होंने विशेष जोर दिया. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की बुनियादी सुविधा से जुड़ी योजना समय पर पूरी होंगी. इसकी जिम्मेवारी तय करनी होगी.
इसके बाद उन्होंने पार्टी नेताओं के साथ अलग से बात की. बैठक में पार्टी के जिलाध्यक्ष अनुब्रत मंडल, मंत्री फिरहाद हाकिम, सांसद सुदीप बनर्जी, जिला परिषद के अध्यक्ष विकास राय चौधरी, मंत्री चंद्रनाथ सिंह व मंत्री आशीष बनर्जी आदि शामिल थे.
पानागढ़ में बेहाल सड़क देख नाराज
बीरभूम दौरे के बाद सड़क मार्ग से पानागढ़ बाजार से गुजरने के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के काफिले को दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
कांकसा थाना क्षेत्र से गुजर रहे दो नंबर हाइवे की जजर्र अवस्था और उड़ते धूल के कारण मुख्यमंत्री ने नेशनल हाइवे अथॉरिटी पर सख्त नाराजगी जतायी. उन्होंने सड़क की बेहाल दशा देखकर अधिकारियों को इस दिशा में अविलंब कार्रवाई करने का आदेश दिया. मुख्यमंत्री के कोलकाता जाने को लेकर मोचीपाड़ा से ही ट्राफिक पुलिस ने सड़क पर आवागमन रोक दिया. इस दौरान दुर्गापुर से लौटने वाले स्कूली बच्चों को भूखे प्यासे घंटों सड़क के बीच ट्राफिक जाम में फंसा रहना पड़ा.
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