बर्दवान : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 28 साल पहले पूर्वस्थलीथाना अंतर्गत पाटुली में आदिवासी युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पीड़िता को उचित मुआवजा देने का आदेश दिया था. जिला प्रशासन ने सिर्फ 15 हजार रुपये अनुदान दिया था. इसकी रिपोर्ट मिलने के बाद मानवाधिकार आयोग ने अनुदान राशि को देख कर काफी नाराजगी जताई है.
आयोग ने कहा कि यदि 28 फरवरी तक जिला प्रशासन ने उचित मुआवजा न दिया तो जिलाशासक अनुराग श्रीवास्तव तथा अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के योजना अधिकारी शांतनु बसु को आगामी छह मार्च को आयोग के समक्ष उपस्थित होना होगा. वर्ष 1991 में पहली जनवरी को पूर्वस्थली दो नंबर प्रखंड के पाटुली में आदिवासी युवती से गैंग रेप किया गया था.
पुलिस जांच अधिकारी ने आरोप पत्र जमा कर दिया है. पश्चिम बर्दवान जिले के बाराबनी प्रखंड के कपिष्ठा की गैर सरकारी संगठन ‘मानव’ से जुड़े अमित सूदन चक्रवर्ती ने मानवाधिकार आयोग को सूचित किया. आयोग ने 18 जून, 2018 को मुआवजा देने का आदेश दिया. जिलाशासक श्री श्रीवास्त ने कहा कि आयोग का आदेश पर उचित व्यवस्था की जायेगी.