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आसनसोल : अवैध निकासी की राशि लौट रही बैंक खातों में
आसनसोल : पुलिस आयुक्त लक्ष्मी नारायण मीणा ने कहा कि पुलिस कमिश्नरेट के 17 थाना इलाकों में नेट बैंकिंग के माध्यम से अवैध राशि निकासी के दर्ज मामलों में से 95 फीसदी मामलों का निष्पादन कर दिया गया है. साइबर थाना पुलिस ने अधिसंख्य पीड़ितों को राशि वापस दिलाने में सफलता पाई है. पहली जनवरी […]
आसनसोल : पुलिस आयुक्त लक्ष्मी नारायण मीणा ने कहा कि पुलिस कमिश्नरेट के 17 थाना इलाकों में नेट बैंकिंग के माध्यम से अवैध राशि निकासी के दर्ज मामलों में से 95 फीसदी मामलों का निष्पादन कर दिया गया है. साइबर थाना पुलिस ने अधिसंख्य पीड़ितों को राशि वापस दिलाने में सफलता पाई है.
पहली जनवरी से 31 जुलाई तक सात महीनों में नेट बैंकिंग के जरिये अवैध निकासी के कुल 28 मामले दर्ज हुए. 24 मामलों में पीड़ितों की राशि उनके खातों में पहुंच गई है. यह राशि 10,09,482 रुपये की है. अवैध निकासी का आसान तरीका बैंक ग्राहक को उसका एटीएम कार्ड रद्द हो जाने को लेकर डराकर, नये एटीएम आवंटन के लिए उस ग्राहक से उसके बैंक का सारा तथ्य संग्रह करना और इसके उपरांत उपभोक्ता के मोबाइल पर आने वाले ओटीपी नम्बर की जानकारी हासिल कर उसके बैंक से सारा पैसा निकाल लेना है.
वर्ष 2017 में इस तरह के मामलों में भारी बढ़ोतरी हुयी थी. आसनसोल साउथ और हीरापुर थाना क्षेत्र में पुलिस ने साइबर क्राइम के अंतर्राज्यीय अपराधियों को पकड़ने में बड़ी सफलता हासिल की थी. इसके बाद से कमिश्नरेट क्षेत्र में इस अपराध में भारी कमी आई. पुलिस ने इसे लेकर लगातार जागरूकता फैलाई. जिससे इस अपराध में भारी गिरावट आई है.
कैसे होता है पैसा वापस
पुलिस आयुक्त श्री मीणा ने बताया कि ई-बैंकिंग के जरिये निकासी की सारी राशि अपराधी के ई-वॉलेट जैसे पेटीएम, फोन-पे, पेन ऐप, पे-यू, ओला कैब, ऑक्सीजन वॉलेट, मोबी क्विक आदि में जाता है. राशि निकासी होते ही ग्राहक को बैंक से मैसेज आता है. ग्राहक यदि तत्काल बैंक में अपना खाता अप टू डेट कराये और उसका जेरॉक्स और अपने एटीएम कार्ड का जेरॉक्स देकर साइबर थाना में शिकायत दर्ज करे तो सहूलियत होती है. साईबर थाना ई-वॉलेट की जानकारी लेता है.
तत्काल उस ई-वॉलेट कंपनी को सूचित किया जाता है कि यह राशि अवैध निकासी की है. इसे ब्लॉक किया जाये. ई-वॉलेट कंपनी उस अकाउंट को ब्लॉक कर देती है. पुलिस की जांच रिपोर्ट के आधार पर निकासी राशि पुन: उस खाते में भेज दी जाती है. उन्होंने कहा कि शिकायत जितनी जल्दी होती है, राशि वापस आने में उतनी ही जल्दी होती है. देर से शिकायत मिलने पर परेशानी बढ़ जाती है.
इनकी राशि हुई वापस
दुर्गापुर मिलनपल्ली निवासी समरेंद्र कुमार साहा के 75 हजार रुपये, रानीगंज ब्रूक कोलियरी निवासी गोपालजी गुप्ता के 55 हजार रुपये, दुर्गापुर अमराई निवासी बच्चू चक्रबर्ती, कोक ओवन थाना के कौरंगा निवासी बप्पा गोराई, हीरापुर थाना दक्षिण पाड़ा दुर्गामंदिर के निवासी गौतम सेन, सालतोड़ा थाना के कालीदासपुर प्रोजेक्ट निवासी मनोज माझी, आसनसोल साउथ थाना एसबी गराई रोड निवासी प्रिया रंजन, रानीगंज आमकोला कोलियरी निवासी नागेंद्र यादव, अंडाल थाना के हरिपुर निवासी सुमन पाल, सालानपुर थाना के डोमदाहो निवासी नितायी गोराई, कुल्टी थाना के चिनाकुड़ी निवासी शिवबालक यादव, जामुड़िया थाना के सतग्राम निवासी उदरदेव मिस्त्री, आसनसोल नॉर्थ थाना के गिरमिट निवासी मंटू कुमार राम, धर्मपल्ली मेनरोड निवासी सुभंग प्रतिम दासगुप्ता की राशि खाते में लौटी है.
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