आसनसोल : रेलवे में नियुक्ति की परीक्षा देने शुक्रवार की मध्यरात्रि को आसनसोल स्टेशन पर उतरे बिहार के चार युवकों को स्टेशन के बाहर बस स्टैंड पर पुलिस या पुलिस के नाम पर अपराधियों के द्वारा लूटे जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस आयुक्त लक्ष्मी नारायण मीणा ने आसनसोल साउथ थाना पुलिस से 24 घंटों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है.
आसनसोल साउथ थाना प्रभारी दिवेन्दू दास ने इसकी जांच आरम्भ कर दी है. ‘प्रभात खबर’ में रविवार को खबर प्रकाशित होने के बाद पुलिस आयुक्त ने इसे गंभीरता से लिया.
जांच का दायित्व थाने के एक वरीय अवर निरीक्षक को सौंपा गया है. उन्हें मामले की जांच कर 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है. सनद रहे कि रेलवे की परीक्षा देने बिहार के चार युवक ट्रेन से शुक्रवार की मध्यरात्रि में आसनसोल स्टेशन पर उतरे . भोर साढ़े तीन बजे वे स्टेशन से बाहर निकले. निकलने के क्रम में गेट पर टीसी को टिकट देकर बाहर निकले.
बाहर बस स्टैंड पर आते ही जांच के नाम पर कुछ लोगों ने खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए उन्हें रोक लिया और एक वाहन में बैठकर डीआरएम कार्यालय से आगे जोगी बाबा मंदिर के पास सुनसान जगह पर ले गये. उन्हें जेल में डालने की धमकी देने लगे. युवकों ने बताया कि वे रेलवे की परीक्षा देने यहां आये हैं.
परीक्षा का एडमिट कार्ड भी उन्हें दिखाया. जिसके बाद चारों युवकों की तलाशी ली गयी. उनके पास से कुल नौ हजार रुपया निकले. घर वापस लौटने के लिए चारों को पांच- पांच सौ रुपये देकर उन्हें छोड़ दिया गया तथा सात हजार रूपये उन लोगों ने अपने पास रख लिया.
इसकी जानकारी युवकों ने अपने परिजनों को दी. ‘प्रभात खबर’ को पूरी घटना की जानकारी दी गई.
पुलिस अधिकारी के लिए जांच का मुख्य मुद्दा यह है कि चार युवकों से जबरन वसूली करनेवाले वे लोग कौन थे, जिन्होंने स्टेशन परिसर में वाहनन लगा कर जबरन युवकों को वाहन पर चढ़ाया? क्या वे पुलिस कर्मी है? या सिविक वोलेंटियर के जवान है? पुलिस के मुखबिर हैं या अपराधियों का गिरोह है? जो भी हो, इस घटना से पुलिस की छवि खराब हो रही है.
आसनसोल स्टेशन के बाहर बस स्टैंड के कुछ दुकानदारों ने बताया कि यहां रात के वक्त इस तरह की घटना आम है. संदेह के आधार पर जांच के नाम पर युवकों को उठाया जाता है और उनसे पूरा पैसा छीनकर छोड़ दिया जाता है. आसनसोल साउथ थाना पुलिस पर जांच के नाम पर पैसा वसूली की लिखित शिकायत इससे पहले बोरो चेयरमैन गुलाम सरवर ने भी पुलिस आयुक्त से की थी.
उनका आरोप था कि लोको ग्राउंड या उसके आसपास के इलाकों में पुलिसकर्मी रात होते ही जांच के नाम पर वाहन चालकों से वसूली करने लगते हैं. इससे बचने के लिए वाहन चालक वाहन लेकर इस कदर भागते हैं कि दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.