23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

संसदीय चुनाव में झारखंड में आधा दर्जन सीटों पर मजबूती से लड़ेगी तृणमूल, अरूप, मलय व जितेंद्र बनाये गये पर्यवेक्षक

आसनसोल : आगामी संसदीय चुनाव में प्रधानमंत्री पद की प्रमुख दावेदार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस को राष्ट्रीय दर्जा दिलाने के लिए सीमावर्ती राज्य झारखण्ड में भी मजबूती से संसदीय चुनाव लड़ने का संकेत दिया है. शुक्रवार को कोलकाता में हुई पार्टी कोर कमेटी की बैठक में उन्होंने तीन नेताओं को पार्टी का पर्यवेक्षक […]

आसनसोल : आगामी संसदीय चुनाव में प्रधानमंत्री पद की प्रमुख दावेदार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस को राष्ट्रीय दर्जा दिलाने के लिए सीमावर्ती राज्य झारखण्ड में भी मजबूती से संसदीय चुनाव लड़ने का संकेत दिया है. शुक्रवार को कोलकाता में हुई पार्टी कोर कमेटी की बैठक में उन्होंने तीन नेताओं को पार्टी का पर्यवेक्षक मनोनीत किया.
इनमें राज्य के पीडब्ल्यूडी सह संस्कृति व युवा कल्याण मंत्री तथा विभिन्न जिलों के पार्टी पर्यवेक्षक अरुप विश्वास, श्रम, विधि व न्याय सह पीएचइडी मंत्री मलय घटक तथा मेयर सह विधायक जितेन्द्र तिवारी शामिल हैं. सनद रहे कि श्री विश्वास के नेतृत्व में सीमावर्ती क्षेत्र में विभिन्न चुनावों में पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया है.
पार्टी झारखंड में कम से कम आधा दर्जन सीटों पर गंभीरता से चुनाव लड़ना चाहती है. आगामी लोकसभा चुनाव में झारखंड में तृणमूल आधा दर्जन से अधिक क्षेत्रों में उम्मीदवार देने की रणनीति बना रही है.
राज्य में विधानसभा, पंचायत चुनाव, नगर निगम तथा नगरपालिका के चुनावों में मिली शानदार जीत से उत्साहित श्रीमती बनर्जी जीत के इस सिलसिले को पश्चिम बंगाल से सटे झारखंड में जारी रखना चाहती है. उन्हें लगता है कि सीमावर्ती राज्य होने के नाते उनका प्रभाव झारखंड में जरूर पड़ेगा. झारखंड में भाजपा नीत एनडीए की सरकार होने के नाते भी वह भाजपा पर दबाब बनाना चाहती है.
सनद रहे कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने संसदीय चुनाव को लेकर राज्य में हल्ला बोल की स्थिति बना रखी है. राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य की 42 संसदीय सीटों में से 22 सीटों पर जीत का लक्ष्य निर्धारित किया है तो राज्य के पार्टी नेताओं ने यह संख्या 25 तक पहुंचा दी है. इधर तृणमूल सभी 42 सीटों पर परचम लहराने का दावा कर रही है.
झारखंड में पार्टी के प्रवेश को इसी रणनीति के तहत देखा जा रहा है. केंद्रीय राजनीति में भाजपा के विरोध में राज्य स्तरीय पार्टियों को गोलबंद करने के तहत उनके द्वारा किये जा रहे प्रयासों को देखते हुए उन्हें अगले प्रधानमंत्री के रूप में अनेकों वरीय नेता प्रोजेक्ट कर चुके है. अपने राज्य में हर चुनाव में उन्हें भारी सफलता मिली है. इस सफलता के सिलसिले को वह निकटवर्ती राज्यों में भी दोहराना चाहती है.
पिछले लोकसभा चुनाव में आसनसोल संसदीय सीट से तृणमूल की हार वह पाट चुकी है. लोकसभा चुनाव के बाद आसनसोल और दुर्गापुर नगर निगम में हुए चुनाव में तृणमूल को भारी जीत मिली. 60 प्रतिशत हिंदी बहुल आसनसोल इलाका होने के कारण उन्होंने हिंदीभाषी नेता के रूप में आसनसोल नगर निगम का मेयर का दायित्व जितेंद्र तिवारी को सौंपा है.
श्री तिवारी उनके हर उम्मीदों पर खरा उतरे हैं. पार्टी के दो अन्य वरिष्ठ नेता व राज्य के मंत्री मलय घटक और अरूप विश्वास भी मुख्यमंत्री के सभी उम्मीदों पर खरे उतरे है. श्री विश्वास पूर्व और पश्चिम बर्दवान दोनों जिला के पर्यवेक्षक होने और यह जिला झारखंड से सटे होने के कारण श्री विश्वास को और श्री घटक तथा श्री तिवारी आसनसोल के ही होने के कारण तीनों नेताओं की सबसे मजबूत तिकड़ी को झारखंड का पर्यवेक्षक का दायित्व सौंपा है.
तृणमूल इससे पूर्व भी झारखंड में विधानसभा के चुनाव में अपने उम्मीदवार मैदान में उतार चुकी है. लेकिन तैयारी कुछ खास नहीं थी जिसके कारण उसे कुछ खास सफलता नहीं मिली. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए श्रीमती बनर्जी कोई कसर छोड़ना नहीं चाहती है. सबसे मजबूत एन्टी भाजपा की अपनी छवि को वह झारखण्ड में भी पेश करना चाहती है ताकि भाजपाविरोधी वोट जो भी हो वह तृणमूल को मिले. इसके तहत ही उन्होंने अपने तीन सबसे मजबूत नेताओं को झारखंड का पर्यवेक्षक का दायित्व सौंपा है.
इसके पहले उन्होंने झारखंड का पर्यवेक्षक भाटपाड़ा के नगरपालिका अध्यक्ष सह विधायक अर्जुन सिंह को बना रखा था. लेकिन बिहार, यूपी का भी दायित्व रहने के कारण वे झारखंड में पार्टी का सांगठनिक ढ़ांचा खड़ा नहीं कर सके. बिहार में उनके साथ फायर ब्रांड मंत्री शुभेन्दू अधिकारी को जोड़ा गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें