बालुरघाट : सांसद के सुरक्षाकर्मी की शराब दुकान बंद करने की मांग को लेकर बालुरघाट में पुलिस व जनता के बीच झड़प हो गयी. उत्तेजित जनता ने शराब की दुकान में जमकर तोड़फोड़ मचाया. घटना की सूचना पाकर बालुरघाट थाना पुलिस मौके पर पहुंची. स्थिति काबू से बाहर होते देख पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया. इससे परिस्थिति और बिगड़ गयी.
गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. पुलिस की गाड़ी में तोड़फोड़ की गयी. इस पथराव में बालुरघाट थाना आईसी संजय घोष सहित कई पुलिस कर्मी घायल हो गये. कई मीडियाकर्मियों को भी चोटें आयी है.
मंगलवार को यह घटना बालुरघाट शहर के एके गोपालन कॉलोनी में घटी है. बाद में विशाल पुलिस बल व रैफ को उतारकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवाशीष नंदी ने परिस्थिति को संभाला. इलाके के कई लोगों को हिरासत में लिया गया है. आरोप है कि तृणमूल नेता तथा बालुरघाट की सांसद अर्पिता घोष के सुरक्षाकर्मी होने के कारण उसे तुरंत लाइसेंस मिल गया.
वहीं इलाकावासियों ने बताया कि इस इलाके में शराब की दुकान खोलने नहीं दिया जायेगा. इसे लेकर पुलिस के पास लिखित शिकायत की गयी है. पुलिस ने बताया कि अभी तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
मामले की छानबीन की जा रही है. बालुरघाट की सांसद अर्पिता घोष ने बताया कि उन्हे मामले की खबर मिली है. उन्होंने पुलिस को मामले की छानबीन करने को कहा है. उन्होंने सुरक्षाकर्मी को बदलने के लिए पुलिस को निर्देश दे दिया है.
क्या है मामला
जानकारी मिली है कि सांसद अर्पिता घोष के सुरक्षाकर्मी श्यामल सरकार, पेशे से वह पुलिसकर्मी है. उसने एके गोपालन कॉलोनी में नया मकान बनवाया था.
कुछ दिनों पहले वहां एक शराब की दुकान खोली व सोमवार को लाखों रुपए की शराब रिहायशी इलाके में बने उस दुकान में लाया गया. दुकान की विपरीत दिशा में एक मंदिर भी है. कुछ ही दूरी पर आंगनबाड़ी केंद्र है. ऐसे इलाके में शराब की दुकान खोलने से मंगलवार को इलाकावासियों में गुस्सा बढ़ रहा था.
सरकारी लाइसेंस लेकर खोली गयी है दुकान
इस मामले पर दुकान मालिक श्यामल सरकार ने बताया कि दो महीने पहले ही सरकारी लाइसेंस लेकर दुकान खोला गया है.वह बाहर थे, इसी दौरान उनकी दुकान पर लोगों ने हमला किया है. उसने आरोप लगाया है कि उसे हत्या करने की योजना थी. कुल मिलाकर 10 लाख रुपए का नुकसान हुआ है. उसने बताया कि दुकान में दो लाख रुपए नगद रखा हुआ था. वह भी नहीं है.