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बस भाड़ा वृद्धि का किया विरोध

आसनसोल : बस भाड़ा बृद्धि को तत्काल कम करने, पेट्रोल डीजल पर राज्य और केंद्र सरकार का अतिरिक्त कर को कम कर बस भाड़ा को नियंत्रित करने, छात्रों को बस भाड़ा में एक तिहाई छूट देने और बसों में यात्रियों की सुविधा को बढ़ाने के मुद्दे को लेकर एसयूसीआई आसनसोल स्थानीय कमेटी ने मंगलवार को […]

आसनसोल : बस भाड़ा बृद्धि को तत्काल कम करने, पेट्रोल डीजल पर राज्य और केंद्र सरकार का अतिरिक्त कर को कम कर बस भाड़ा को नियंत्रित करने, छात्रों को बस भाड़ा में एक तिहाई छूट देने और बसों में यात्रियों की सुविधा को बढ़ाने के मुद्दे को लेकर एसयूसीआई आसनसोल स्थानीय कमेटी ने मंगलवार को आरटीओ को ज्ञापन सौंपा. इससे पूर्व आसनसोल कोर्ट के समक्ष घड़ी मोड़ पर पथसभा की गई. जिसमें पार्टी के राज्य कमेटी के सदस्य पूर्ण चटर्जी, डोना गोस्वामी, स्थानीय कमेटी के सचिव देबदास माजी आदि ने संबोधित किया.
स्थानीय कमेटी के सचिव श्री माजी ने बताया कि पेट्रोल और डीजल की मूल्यवृद्धि को बहाना बनाकर हर बार बस मालिक भाड़ा में बढ़ोतरी करते है. राज्य सरकार भी उनकी मांगों का समर्थन कर उसे मंजूर कर देती है. इसमें यात्रियों का विचार संग्रह नहीं किया जाता है. मुख्य मंत्री ने भाड़ा एक रुपया बढ़ोतरी करने की घोषणा की थी.
कोलकाता सहित कुछ जिलों में यह लागू हुआ. लेकिन पश्चिम बर्दवान में बसों के किराया में 10 रुपये तक बृद्धि हुयी. इसे देखने वाला कोई नहीं है. बस में सीट से छह गुना ज्यादा यात्री को लाद कर ले जाया जाता है. किराया देने और भी यात्रियों को बस में उचित सुविधा नहीं मिलती है. छात्रों को सभी बसों में एक तिहाई छूट देनी होगी.
यह छूट सिर्फ स्कूल कॉलेज के समय ही नहीं ट्यूशन जाने के दौरान भी देनी होगी. सबसे अहम केंद्र और राज्य सरकार यात्री की सुविधा के लिए पेट्रोल और डीजल से मिलने वाली कर में थोड़ी कटौती कर दे तो यह भाड़ा नियंत्रित हो जायेगी, लेकिन केंद्र और राज्य दोनों सरकार ही पूंजीपतियों की सरकार है.

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