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बाराबनी में चिन्हित भूमि पर ठोका मालिकाना

आसनसोल : रानीगंज कोलफील्ड एरिया पुनर्वास परियोजना के तहत भू-धंसान तथा भूमिगत आग से प्रभावित लोगों के पुनर्वास की प्रक्रिया सालानपुर के बाद बाराबनी में भी जमीन विवाद के कारण स्थगित हो गयी है. हाउजिंग विभाग ने बाराबनी के दासकियारी में परियोजना के लिए प्रस्तावित जमीन की पुनः मापी कर सभी विवादों को समाप्त करने […]

आसनसोल : रानीगंज कोलफील्ड एरिया पुनर्वास परियोजना के तहत भू-धंसान तथा भूमिगत आग से प्रभावित लोगों के पुनर्वास की प्रक्रिया सालानपुर के बाद बाराबनी में भी जमीन विवाद के कारण स्थगित हो गयी है. हाउजिंग विभाग ने बाराबनी के दासकियारी में परियोजना के लिए प्रस्तावित जमीन की पुनः मापी कर सभी विवादों को समाप्त करने के लिए एडीडीए के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीइओ) को पत्र लिखा. इसीएल द्वारा आवंटित 26 एकड़ जमीन के कुछ हिस्से को स्थानीय ग्रामीण अपना मालिकाना बता कर कार्य रोक दिया है.
सनद रहे कि भूमिगत आग और धंसान प्रभावित इलाके के लोगों को पुनर्वासित करने को लेकर रानीगंज कोलफील्ड एरिया परियोजना के तहत पश्चिम बर्दवान जिले में 146 बस्तियों से 40 हजार परिवारों को पुनर्वासित करने के लिए आवास निर्माण का कार्य राज्य की हाउजिंग विभाग कर रहा है. इसके लिए प्रथम चरण में मिली जमीन के आधार पर 12,712 आवास बनाने के लिए प्रक्रिया आरम्भ हुयी.
जिसमे सालानपुर प्रखण्ड के नमोकेशिया इलाके में सरकारी खास 26 एकड़ जमीन पर 1904 आवास, बाराबनी प्रखण्ड के दासकियारी इलाके में इसीएल और सरकारी खास जमीन कुल 26 एकड़ पर 2024 आवास, जामुड़िया प्रखण्ड के विजयनगर इलाके में इसीएल और सरकारी खास कुल 32 एकड़ जमीन पर दो फेस में 160 तथा 3024 आवास एवं अंडाल प्रखण्ड के दक्षिणखण्ड इलाके में 155 करोड़ रुपये से खरीदी गई 79 एकड़ जमीन पर 5600 आवास बनाने के लिए हाउजिंग विभाग ने निविदा जारी की और निविदा के आधार पर कंपनी को कार्यादेश भी जारी कर दिया गया है.
सालानपुर में कार्य करने गयी कम्पनी के अधिकारी और कर्मचारियों को स्थानीय आदिवासियों ने जमकर पिटाई की. जिससे कारण कंपनी ने वहां कार्य बंद कर दिया और सारा सामान वहां से समेट कर वापस चली गई. कंपनी का कहना है कि ग्रामीणों के साथ आपसी विवाद प्रशासन पहले सुलझा ले उसके उपरांत वे कार्य आरंभ करेगी. पिछले चार माह से विवाद निपटाने का प्रयास चल रहा है. लेकिन अब तक समस्या नहीं सुलझी है. इसी बीच बाराबनी के दासकियारी का प्रोजेक्ट भी स्थानीय ग्रामीणों ने रोक दिया.
वहाँ ले आउट का कार्य आरंभ हुआ था. ग्रामीणों का कहना है कि जिस जमीन पर कार्य हो रहा है, उसमें कुछ जमीन ग्रामीणों की है. जब तक सभी के सामने जमीन चिन्हित नहीं की जाती है. कार्य नहीं होने दिया जायेगा. प्रोजक्ट में जाने के लिए अप्रोच रोड को भी ग्रामीण अपनी जमीन बता रहे है. जबकि प्रशासन के अनुसार यह जमीन इसीएल प्रबंधन की है.
आवासीय विभाग ने जमीन की मापी कर ग्रामीणों के साथ आपसी विवाद का निष्पादन करने के लिए एडीडीए के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को पत्र लिखा है. इसके आधार पर एडीडीए ने इस जमीन की मापी के लिए इसीएल प्रबंधन, बाराबनी के बीएलएंडएलआरओ को सोमवार को पत्र भेजने का निर्णय लिया है.
इस परियोजना के लिए अबतक सिर्फ जामुड़िया में ही प्रथम चरण के 160 आवास निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है. बाकी 12,552 आवासों का बनना बाकी है. अंडाल के दक्षिणखण्ड में जमीन का ले आउट चल रहा है. इसमें भी प्रशासन को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. यहां की 79 एकड़ जमीन पश्चिम बंगाल इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन की थी. यह जमीन बंगाल अल्ट्रोपोलिस प्रोजेक्ट लिमिटेड को दी गई थी. यह जमीन राज्य सरकार के निर्देश पर 155 करोड़ रुपये में एडीडीए ने खरीदी थी.

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