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सुरक्षित उत्पादन पर जोर दिया सीएमडी अजय कुमार ने

सांकतोड़िया : इसीएल मुख्यालय के सभागार में बुधवार को मुख्यालय स्तरीय सेफ्टी बोर्ड की बैठक प्रभारी सीएमडी अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुयी. तकनीकी निदेशक (ऑपरेशन) सुनील कुमार झा, तकनीकी निदेशक (योजना व परियोजना) जेपी गुप्ता , वित्त निदेशक संजीव सोनी , महाप्रबंधक (पीएंडआईआर) रवींद्र कुमार राउत. सीएमडी के तकनीकी सचिव नीलाद्री राय, बीएमएस […]

सांकतोड़िया : इसीएल मुख्यालय के सभागार में बुधवार को मुख्यालय स्तरीय सेफ्टी बोर्ड की बैठक प्रभारी सीएमडी अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुयी. तकनीकी निदेशक (ऑपरेशन) सुनील कुमार झा, तकनीकी निदेशक (योजना व परियोजना) जेपी गुप्ता , वित्त निदेशक संजीव सोनी , महाप्रबंधक (पीएंडआईआर) रवींद्र कुमार राउत. सीएमडी के तकनीकी सचिव नीलाद्री राय, बीएमएस के अंगद उपाध्याय, सीटू के विनोद सिंह , यूटीयूसी के जीतन मंडल, एटक एवं एचएमएस के प्रतिनिधि शामिल थे.
अध्यक्षता कर रहे सीएमडी श्री सिंह ने कहा कि घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए कोयले का उत्पादन महत्वपूर्ण है, लेकिन उससे भी ज्यादा श्रमिकों की सुरक्षा जरूरी है. कंपनी में सुरक्षित उत्पादन के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे, तभी शून्य दुर्घटना के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अधिकारी परियोजना व कोलियरी स्तर पर कार्यरत व कार्यस्थल पर उपस्थित श्रमिकों के सुझाव को अहमियत दें तथा अधिक उत्पादन व डिस्पैच करने के लिए सभी एरिया प्रबंधन परियोजनाओं में समुचित लाइटिंग की व्यवस्था करें, ताकि सुरक्षित उत्पादन किया जा सके . इससे डिस्पैच में वृद्धि संभव है. उन्होंने श्रमिकों के कार्यस्थल में पेयजल की समुचित व्यवस्था करने व मानसून की तैयारी सुदृढ़ तरीके से करने पर बल दिया, ताकि उत्पादन, उत्पादकता एवं डिस्पैच में किसी प्रकार की बाधा न हो.
उन्होंने एरिया स्तर पर चलाये जा रहे जागरूकता अभियान की जानकारी देते हुए सेफ्टी बोर्ड के सभी सदस्यों से भी इस अभियान से जुड़ने की अपील की, ताकि परियोजना तथा कोलियरियों में कम से कम दुर्घटना हो. उन्होंने सुरक्षा संबंधी जानकारी मजदूरों तथा उनके परिजनों के बीच साझा करने पर बल दिया. सदस्यों ने सुरक्षा, आवास मरम्मत सहित विभिन्न मुद्दे उठाये. सीएमडी ने उन सुझावों पर विचार करने का आश्वासन दिया. तकनीकी निदेशक (ऑपरेशन) श्री झा ने ने सुरक्षा को आध्यात्मिक रंग देते हुए कहा कि अंतर मन से कार्य नहीं करने पर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.
इसमें कमी लाने के लिए सभी को इच्छा शक्ति से काम करना होगा. उन्होंने सुझाव दिया कि दूसरी कंपनियों के खदान का निरीक्षण करके उनकी अच्छी चीजें इस कंपनी में लागू की जा सकती है. तकनीकी निदेशक (योजना व परियोजना) श्री गुप्ता ने कहा कि ब्लास्टिंग पैटर्न का अध्ययन कर सुधार किया जाये ताकि इससे आस-पास की संपत्ति का नुकसान कम से कम हो. श्रमिक की दुर्घटना में मृत्यु होने पर उनके घर जाकर सांत्वना देना चाहिए, उनके दुःख को अपना दुख समझें ताकि दुर्घटना में कमी हो सके.
रेलपार अंधरा पुल की नालियां हुईं खतरनाक: आसनसोल. रेलपार के पास स्थित अंधरा पुल की सड़के पहले से ही संकरी हैं. उनकी किनारे की नालियां बेहद खतरनाक हो गयी हैं. नालियों में सड़क का पानी जा सके, इसके लिए नालियों को छड़ से ढ़ंका गया है. रखरखाव में उदासीनता के कारण उनमें से कई रड उखड़ गये हैं तथा नालियों का मुंह खुल गया है. रात के अंधेरे में उन खुले स्थानों में राहगीरों का पैर फंसने या बाइक के पहिये फंसने से दुर्घटना तय है. नगर निगम के चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी ने कहा कि निवासियों ने इसकी शिकायत की है. रेल मंडल प्रशासन को इससे अवगत कराया गया है. मंडल अभियंता -वन एमके मुखोपाध्याय को निगम के स्तर से पत्र लिखा गया है. रेल प्रशासन ने जल्द मरम्मत का आश्वासन दिया है

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