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जागरुकता की कमी से बढ़ रहे सर्वाइकल, स्तन कैंसर के मामले
दुर्गापुर/आद्रा : देश में सर्वाइकल कैंसर और स्तन कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. हालात चिंताजनक हो गई है और यह खतरनाक तरीके से बढ़ रहा है. देश में सर्वाइकल कैंसर से प्रतिवर्ष 67,677 महिलाओं की मौत हो जाती है तथा हर घंटे आठ महिलाओं की मौत हो रही है. इसके अलावा पॉपुलेशन […]
दुर्गापुर/आद्रा : देश में सर्वाइकल कैंसर और स्तन कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. हालात चिंताजनक हो गई है और यह खतरनाक तरीके से बढ़ रहा है. देश में सर्वाइकल कैंसर से प्रतिवर्ष 67,677 महिलाओं की मौत हो जाती है तथा हर घंटे आठ महिलाओं की मौत हो रही है.
इसके अलावा पॉपुलेशन ब्रेस्ट कैंसर रजिस्ट्री पीबीसीआर के अनुसार भारत में एक साल में करीब एक लाख 44 हजार ब्रेस्ट कैंसर के नये मरीज सामने आ रहे हैं तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में हर साल पांच लाख लोग कैंसर से मरते हैं.
ये बातें पुरुलिया जिला स्थित आरटीपीएस, डीवीसी के मुख्य अभियंता सह परियोजना प्रधान मोहम्मद यासीन ने परियोजना परिसर में आयोजित सर्वाइकल कैंसर और स्तन कैंसर को लेकर आयोजित जागरूकता शिविर के मौके पर कहीं. उन्होंने कहा कि सर्वाइकल कैंसर और स्तन कैंसर को लेकर महिलाओं को जागरूक होना जरूरी है. खुद के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें तो इससे बचा जा सकता है.
इस तरह का जागरूकता कार्यक्रम विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा समय-समय पर आयोजित किया जाना चाहिए. आरटीपीएस में सर्वाइकल कैंसर और स्तन कैंसर को लेकर जागरूकता शिविर का आयोजन आरटीपीएस, डीवीसी की सीएसआर योजना के तहत तथा सीआइएसएफ इकाई आरटीपीएस के सहयोग से किया गया था. शिविर में आरटीपीएस और सीआइएसएफ कर्मचारियों के परिवार की महिलाओं ने बड़ी संख्या में भागीदारी की.
मौके पर उपस्थित सर्वाइकल कैंसर और स्तन कैंसर के विशेषज्ञों ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर के भयानक रूप धारण करने का कारण जागरूकता का अभाव और निर्धारित समय पर टीकाकरण न करवाना है. इस कैंसर से बचने के लिए जरूरी है कि लोग नौ साल से 14 वर्ष की लड़कियों को यह टीका लगवाएं. चिकित्सकों ने कहा कि इस रोग से बचाव के लिए लोग जागरूक होने के साथ ही अपने जीवनसाथी के प्रति वफादार रहें. इस रोग से महिलाओं को बचाने के लिए जागरूकता और शारीरिक संबंधों के मामले में सावधानी व वफादारी बेहद जरूरी है. वहीं चिकित्सकों ने स्तन कैंसर के बारे में कहा कि अनियमित जीवनशैली और जागरूकता की कमी के कारण भारत में ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इसके प्रति जागरूकता जरूरी है.
जानकारी के अभाव के कारण स्तन कैंसर के गंभीर रूप लेने के बाद ही महिलाएं डॉक्टर के पास जाती हैं, तब दिक्कत होती है. यह बहुत ही खतरनाक है. कई कारण हो सकते हैं, जिसकी समय पर जांच कराई जानी चाहिए. देरी से मां बनना, बच्चे को कम समय तक दूध पिलाना, पीरियड का कम उम्र में ही शुरू हो जाना, शराब पीना, धूमपान करना, वजन बहुत ज्यादा होने जैसी वजहों से भी स्तन कैंसर होता है.
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