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अवैध खनन: बांध के फिर से क्षतिग्रस्त होने की संभावना, खनन माफिया का बढ़ा आतंक

बालूरघाट. नदियों से अवैध रूप से बालू-पत्थर निकालने वाले खनन माफिया के खिलाफ भले ही प्रशासन ने पिछले कुछ दिनों से मुहिम की शुरूआत की हो, लेकिन वास्तविकता यह है कि खनन माफिया का आतंक अभी भी जारी है. अत्रेयी नदी में जहां खनन माफिया के लोग बालू-पत्थर निकालते हैं वहां के आसपास के गांव […]

बालूरघाट. नदियों से अवैध रूप से बालू-पत्थर निकालने वाले खनन माफिया के खिलाफ भले ही प्रशासन ने पिछले कुछ दिनों से मुहिम की शुरूआत की हो, लेकिन वास्तविकता यह है कि खनन माफिया का आतंक अभी भी जारी है. अत्रेयी नदी में जहां खनन माफिया के लोग बालू-पत्थर निकालते हैं वहां के आसपास के गांव वालों ने धमकाने का आरोप लगाया है.

यह घटना बालूरघाट थाना अंतर्गत प्राणपुर इलाके की है. स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नदी से बालू-पत्थर लदे ट्रक की आवाजाही इसी गांव के रास्ते से होती है. बड़े-बड़े ट्रकों के आने जाने से सड़क की हालत काफी खराब हो गई है. उसके बाद गांव के लोगों ने ट्रकों की आवाजाही बंद करा दी थी. उसके बाद ही खनन माफिया के लोग गांव वालों को डरा-धमका रहे हैं. इतना ही नहीं, प्राणपुर से फूलघड़ा जाने के लिए गांव वालों ने अत्रेयी नदी पर बांस का पुल बनाया था. गांव वालों को परेशान करने के लिए खनन काफिया ने इस पुल को भी तोड़ दिया है. इसकी वजह से गांव वालों की परेशानी काफी बढ़ गई है. इस मामले की लिखित शिकायत बालूरघाट थाने में दर्ज करायी गई है.

इतना ही नहीं, गांव वालों ने दक्षिण दिनाजपुर के जिला अधिकारी संजय बोस से खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. जिला अधिकारी श्री बोस ने मामले की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है. उल्लेखनीय है कि दक्षिण दिनाजपुर जिले की नदियों में अत्रेयी नदी का अलग नाम है. इस नदी के आसपास कई गांव बसे हुए हैं. इन्हीं गांवों में से एक प्राणपुर गांव भी है. प्राणपुर गांव का अस्तित्व पहले से ही संकट में है. अत्रेयी नदी के कटाव से गांव पर काफी बुरा असर पड़ा है. इस गांव की जमीन तथा कई घर अत्रेयी नदी में समा गये हैं. उसके बाद करीब दो साल पहले प्रशासन की ओर से नदी तट पर बांध बनाया गया. गांव वालों का आरोप है कि अब इसी बांध के आसपास से खनन माफिया के लोग गिट्टी तथा बालू निकाल रहे हैं जिससे बांध को भी नुकसान पहुंचने की संभावना है. गांव वालों का आरोप है कि काफी संघर्ष के बाद इस बांध का निर्माण हुआ है.

बांध बन जाने से नदी कटाव का असर खत्म हो गया है. जमीन पर खेती-बाड़ी शुरू हुई है. अब बालू माफिया के कार्यकलापों से एक बार फिर से प्राणपुर गांव के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है. बांध के नुकसान का सीधा असर गांव पर पड़ेगा. अत्रेयी नदी के कटाव से फिर गांव के प्रभावित होने की संभावना है. इतना ही नहीं, बड़े-बड़े ट्रक बालू और पत्थर लेकर गांव के रास्ते से ही गुजरते हैं.

सड़क को इससे काफी नुकसान पहुंचता है. इसी वजह से गांव वालों ने गिट्टी-बालू लदे ट्रकों की आवाजाही बंद करा दी थी. उसके बाद से ही खनन माफिया द्वारा धमकी देने का काम जारी है. इधर, इस मामले को लेकर जिला अधिकारी संजय बोस ने कहा है कि गांव वालों से शिकायत मिलने के बाद बालूरघाट के बीडीओ मौके पर गये थे. रिपोर्ट तैयार की जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नदी से बालू-पत्थर निकालने पर कोई रोक नहीं है, लेकिन इसके लिए सरकारी नियमों को मानना जरूरी है. फिर भी गांव वालों की शिकायतों पर कार्रवाई की जायेगी.

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