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सरकार ने शुरू की आर्थिक सुरक्षा योजना, देश के लिए होगा मॉडल : ममता

कोलकाता. सारधा चिटफंड घोटाले के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सरकार की ओर से एक निवेश योजना लांच करने की घोषणा की थी. इसे पूरा करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को राज्य के लोगों के लिए आर्थिक सुरक्षा योजना को लांच किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना राज्य […]

कोलकाता. सारधा चिटफंड घोटाले के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सरकार की ओर से एक निवेश योजना लांच करने की घोषणा की थी. इसे पूरा करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को राज्य के लोगों के लिए आर्थिक सुरक्षा योजना को लांच किया.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना राज्य सरकार के अधीन की संस्था पश्चिम बंगाल अवसंरचना विकास वित्तीय निगम लिमिटेड द्वारा संचालित की जायेगी. उन्होंने राज्य के लोगों से अपने रुपये को सुरक्षित रखने के लिए इस योजना में निवेश करने की अपील की.

उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों के अनुसार ही राज्य सरकार इस योजना को लांच कर रही है, इसलिए इसमें पैसे डूबने का कोई डर नहीं है. राज्य में चिट फंड कंपनियां हैं, जो लोगों के पैसे लेकर फरार हो गयी हैं. इसलिए मुख्यमंत्री ने चिट फंड कंपनियों की बजाय इस योजना में निवेश करने का निवेदन किया.

निवेश की न्यूनतम राशि एक हजार रुपये
उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत एक जमाकर्ता को कम से कम राष्ट्रीयकृत बैंक व अल्प बचत योजना की तरह अपनी जमाराशि पर ब्याज दिया जायेगा. जमा राशि की अवधि समाप्ति के बाद ब्याज सहित मूलधन को सीधे जमाकर्ता के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि कोई भी जमाकर्ता न्यूनतम एक हजार से लेकर अधिकतम 25 हजार रुपये तक की राशि जमा कर सकता है. इसके अलावा संयुक्त रूप से भी अधिकतम तीन जमाकर्ता एक हजार से 25 हजार रुपये तक जमा करा सकते हैं. अगर किसी को उसका रुपया वापस चाहिए, तो धनराशि जमा करने के न्यूनतम तीन महीने बाद वह आवश्यक प्रयोजनानुसार राशि को अवधि समाप्ति के पहले भी निकाल सकता है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिए यहां की कई बैंकों के साथ समझौता करने का फैसला किया है. इन बैंकों के माध्यम से ही उपभोक्ताओं को इस योजना के तहत निवेश कराया जायेगा और इसके लिए विभिन्न बैंकों में नो-फ्रिल एकाउंट खोले जायेंगे, जिसके तहत उपभोक्ताओं का कम से कम पहचान पत्र की औपचारिकताओं को पूरा कर एकाउंट खोला जायेगा. इसके बाद उपभोक्ता द्वारा आवेदन जमा करने के साथ ही बैंकों द्वारा राशि को डब्लूबीआइडीएफसी के एकाउंट में ट्रांसफर कर दी जायेगी. इसके प्रति ट्रांजैक्शन के लिए बैंक द्वारा 25 रुपये का शुल्क लिया जायेगा.

जानकारी के अनुसार, इस योजना को जन-जन तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने 30 हजार एजेंटों की नियुक्ति करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की यह बचत योजना भविष्य में पूरे देश के लिए मॉडल के रूप में कार्य करेगी और अन्य राज्य भी इस प्रकार की योजना शुरू करेंगे.

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