कोलकाता: अलीपुर अदालत ने सारधा चिटफंड मामले में तृणमूल कांग्रेस के सांसद सृंजय बोस की जमानत याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने उन्हें पांच दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्देश दिया है.
श्री बोस की जमानत याचिका को खारिज करते हुए अलीपुर अदालत के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट किंशुक साधु ने उन्हें पांच दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. श्री बोस 21 नवंबर को गिरफ्तार होने के बाद से ही सीबीआइ की हिरासत में थे और उन्होंने आग्रह किया था कि वह बीमार हैं इसलिए उन्हें रिहा कर दिया जाये. उन्होंने कहा कि वह अदालत की शर्तो को मानेंगे. सीबीआइ के वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा कि श्री बोस को न्यायिक रिमांड पर भेजा जाये और दावा किया कि वह प्रभावशाली व्यक्ति हैं.
अगर उन्हें जमानत पर रिहा किया गया, तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. इससे पहले पूछताछ के लिए बोस को सात दिनों तक जांच एजेंसी की हिरासत में भेजा गया था. सांसद ने अपने वकील के माध्यम से दायर हलफनामे में बताया कि वह सारधा समूह के सौदे से किसी भी तरह से नहीं जुड़े थे और इसके अखबार ‘संबाद प्रतिदिन’ के संपादक और प्रकाशक के रूप में वह केवल खबरों को लेकर सेवा प्रदाता थे. अभियोजन ने कहा कि सारधा समूह ने ‘संबाद प्रतिदिन’ को काफी धन दिया था, जिसे विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जुटाया गया. इसमें एक बड़े हिस्से की हेराफेरी की गयी. इसके साथ ही न्यायाधीश ने अपने निर्देश में अलीपुर सेंट्रल जेल को उनके स्वास्थ्य की विशेष रूप से निगरानी करने का निर्देश दिया. उल्लेखनीय है कि पिछली बार अदालत ने सृंजय बसु को तीन दिन के लिए सीबीआइ हिरासत का निर्देश दिया था. इससे पहले 22 नवंबर को पांच दिनों की सीबीआइ हिरासत का निर्देश दिया था. उनके खिलाफ सारधा रियलिटी मामले में अपराधमूलक षड़यंत्र करने, गैर कानूनी रूप से आर्थिक लाभ लेने का आरोप लगाया गया था.