कोलकाता/पाकुड़: जमात-ए-इसलाम संगठन से जुड़े व बर्दवान विस्फोट में शामिल लोगों की धर-पकड के लिए शनिवार को जिला मुख्यालय के आधा दर्जन मुहल्लों में जांच टीम में शामिल अधिकारी मोबाइल लोकेशन के आधार पर तलाशते दिखे. जिला मुख्यालय के किताझोर, बड़ीअलीगंज, भगतपाड़ा, मद्यपाड़ा में अधिकारी मोबाइल लोकेशन दिनभर ढूंढ़ते रहे. अधिकारियों द्वारा मोबाइल लोकेशन के आधार पर शहरी क्षेत्र में तलाशने को लेकर यह चर्चा जोरों पर है कि कहीं आंतकवादी संगठनों से जुड़े लोग शहर में अपना बसेरा तो नहीं बना लिया है.
पाकुड़ व साहिबगंज जिले में आतंकवादियों की टीम बनाने का जिम्मा है जहांगीर का. मुफस्सिल थाना क्षेत्र के संग्रामपुर में एनआइए की छापेमारी के दौरान धराये रानीपुर मसजिद के इमाम जहांगीर शेख जमाए-ए-इसलाम आतंकवादी संगठन का पाकुड़ एवं साहिबगंज जिले में कमांडर के रूप में काम कर रहा था.
सूत्रों के मुताबिक, 2012 में जहांगीर ने पश्चिम बंगाल, हैदराबाद, उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में हथियार व विस्फोटक समान बनाने का प्रशिक्षण लिया था. 2013 मे जहांगीर आतंकियों की फौज खड़ी करने व देश विरोधी काम के लिए मुसलिम युवाओं के बीच तकरीर देने का प्रशिक्षण लिया था.
जमात-ए-इसलाम द्वारा पाकुड़ व साहिबगंज जिले में संगठन का सदस्य बनाने तथा उन्हें प्रशिक्षण देने के लिए पाकुड़ भेजा गया था. एनआइए के हत्थे चढ़े संग्रामपुर निवासी जहांगीर को हथियार एवं विस्फोटक बनाने की थ्योरी व प्रैक्टिकल में भी महारथ हासिल है.
उसे विस्फोटक समानों का मिश्रण कर बड़े घटना को अंजाम देने के प्रशिक्षण दिये गये है. सूत्रों की मानें तो जहांगीर हाल के दिनों में ही एक बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश रच रहा था परंतु बर्दवान में बम विस्फोट हो गया और जब एनआइए की टीम के हत्थे कुछ आतंकवादी चढ़े तो पूछताछ व मोबाइल लोकेशन से जहांगीर का नाम सामने आ गया. वह बीते तीन दिन पूर्व अपने ही गांव में धरा गया. एनआइए एवं आइबी की टीम ने गिरफ्तार किये गये जहांगीर शेख व सलाउद्दीन शेख से शनिवार को भी आइबी की टीम द्वारा गुप्त स्थान पर दिनभर पूछताछ की गयी. सूत्र बताते हैं कि पूछताछ के दौरान पाकुड़ शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के कुछ नये युवाओं के नाम सामने आये हैं, जिन्हें धर दबोचने के लिए टीम द्वारा योजना बनायी जा रही है.