कोलकाता: बस और मिनी बस का सफर एक सितंबर से महंगा हो जायेगा. राज्य सरकार ने सोमवार को किराये में इजाफे की बस ऑपरेटरों की मांग मान ली. किराये में हर स्तर पर एक रुपये की वृद्धि की गयी है.
निजी बस का न्यूनतम किराया पांच रुपये की जगह छह रुपये होगा, जबकि मिनी बस का सबसे कम किराया सात रुपये होगा. यह किराया वृद्धि सरकारी बसों पर भी लागू होगी. बस संगठनों के अनुसार, नया बस भाड़ा एक सितंबर से लागू होगा. लंबी दूरी की बसों के बारे में सरकार की तरफ से कुछ नहीं बताया गया है.
किराया वृद्धि को लेकर लंबे समय से गतिरोध जारी रहने के बीच सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद बस मालिकों के साथ बैठक की. बैठक में मुख्यमंत्री ने किराये के प्रत्येक स्तर पर एक रुपये की वृद्धि की मंजूरी दी. बस मालिकों के छह संगठनों से बैठक के बाद शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने बताया कि राज्य सरकार ने बस मालिकों की किराया बढ़ाने की मांग को स्वीकार कर लिया है. किराये के प्रत्येक स्तर पर एक रुपये की वृद्धि की गयी है.
हालांकि बस मालिकों ने निजी बसों में न्यूनतम किराया आठ रुपये व मिनी बसों में 10 रुपये करने की मांग की थी. इस संबंध में श्री चटर्जी ने कहा कि एक बार में किराये में 30 प्रतिशत की वृद्धि करना संभव नहीं है. राज्य सरकार जनता पर महंगाई का बोझ बढ़ाना नहीं चाहती है. उन्होंने बताया कि 16 से 20 किमी और 20-24 किमी तक के लिए भी किराये में एक रुपये की वृद्धि होगी. उन्होंने बस मालिकों की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि इससे पहले अक्तूबर 2012 में बस किराया बढ़ाया गया था और तब से अब तक करीब 23 बार डीजल की कीमत वृद्धि हुई है. इसलिए राज्य सरकार ने अब डीजल की कीमत के अनुसार किराया तय करने का फैसला किया है. श्री चटर्जी ने कहा कि डीजल कीमत के अनुसार भाड़ा तय करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया जायेगा, जो बस मालिकों की समस्या का समाधान करेगा. अगले वर्ष अप्रैल महीने से यह नियम लागू कर दिया जायेगा.