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सिंडिकेट का शिकार एक और कारखाना

दुर्गापुर: दुर्गापुर महकमा के प्रतापपुर बंसिया स्थित स्टार इंडस्ट्रीज प्रबंधन ने पेपर मिल बंद करने की घोषणा की है. मिल प्रबंधक अर्धेदु हाजरा के बताया कि तृणमूल कांग्रेस के विभिन्न गुटों के नेता अधिक से अधिक श्रमिकों के नियोजन का दबाव डाल रहे थे. ऐसी स्थिति में कारखाना को चलाना संभव नहीं है. इस मामले […]

दुर्गापुर: दुर्गापुर महकमा के प्रतापपुर बंसिया स्थित स्टार इंडस्ट्रीज प्रबंधन ने पेपर मिल बंद करने की घोषणा की है. मिल प्रबंधक अर्धेदु हाजरा के बताया कि तृणमूल कांग्रेस के विभिन्न गुटों के नेता अधिक से अधिक श्रमिकों के नियोजन का दबाव डाल रहे थे. ऐसी स्थिति में कारखाना को चलाना संभव नहीं है. इस मामले में बढ़ते राजनीतिक दबाव के कारण ही कारोबार समेटने की स्थिति बनी है.

यह स्थिति तब है, जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सिंगापुर का दौरा कर लौटी हैं. उनके यूरोप व अमेरिका के दौरे पर भी जाने की तैयारी चल रही है.

सामान से लेकर नियोजन तक में सिंडिकेट का दबाव
पेपर मिल का निर्माण कर रहे ठेकेदार मनोतोष सेन चौधरी ने कहा कि निर्माण के दौरान भी तृणमूल समर्थित सिंडिकेट का काफी दबाव रहा. नेताओं का कहना है कि निर्माण कार्य में उपयोग में आनेवालीं सभी सामग्री की खरीदारी वहीं से करनी होगी. उनके द्वारा आपूर्ति की जानेवाली सामग्री की कीमत बाजार भाव से काफी अधिक है.

ठेकेदार ने कहा कि नेताओं ने श्रमिकों की बहाली करने को भी कहा. मजबूरी में उन्होंने इसे भी मान लिया. लेकिन स्थिति यह हो गयी कि पांच श्रमिकों के स्थान पर 25 श्रमिकों को भेजा जा रहा है. सभी श्रमिक खुद को तृणमूल, माकपा व एसयूसीआइ समर्थक बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि इतने श्रमिकों का भुगतान संभव नहीं है. इससे इनकार करने पर मारपीट की जाती है और बुरे अंजाम की धमकी दी जाती है. पुलिस से शिकायत करने पर भी कुछ नहीं हो रहा. मिल मैनेजर श्री हाजरा ने बताया कि इस मिल के मालिक राजू खंडेलवाल दुर्गापुर के निवासी हैं. उन्होंने राज्य के बाहर कई उद्योग लगाये हैं व उनका सफल संचालन हो रहा है. उन्होंने अपनी पहल पर श्री खंडेलवाल को दुर्गापुर में उद्योग लगाने के लिए तैयार कराया था. लेकिन काफी निराशाजनक स्थिति बनी हुई है. उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी गयी तो उन्होंने उद्योग समेटने का निर्देश दिया. मिल मालिक श्री खंडेलवाल ने कहा कि उन पर काफी राजनीतिक दबाव है और यहां उद्योग लगाने का माहौल ही नहीं है. वह कोई राजनीतिक विवाद पैदा करना नहीं चाहते हैं.

बेलगाम हो गये हैं तृणमूल नेता
भाजपा के सांसद बाबुल सुप्रियो ने कहा कि दुर्गापुर के लिए यह नयी बात नहीं है, राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण एक दर्जन से भी बड़े उद्योग बंद हो चुके हैं. उन्होंने कई बार मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि राज्य के विकास व खुशहाली के लिए माहौल बदलें, लेकिन कुछ नहीं हुआ.

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