कोलकाता: इबोला का डर अब एशिया के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया सोनागाछी तक जा पहुंचा है. यौनकर्मियों के उत्थान के लिए काम करनेवाली संस्था दुर्बार महिला समन्वय समिति ने उन्हें अफ्रीकी देशों के नागरिकों से दूर रहने को कहा है.
दुर्बार की सदस्य महाश्वेता ने कहा कि हम लोगों ने यौन कर्मियों से अफ्रीकियों से दूर रहने को कहा है, क्योंकि उनसे इबोला के फैलने का खतरा है. इस रोग ने पश्चिम अफ्रीका के कुछ देशों में कोहराम मचा रखा है. दुर्बार के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करनेवाले समरजीत जाना ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन के अनुसार जानलेवा रोग इबोला का वायरस संक्रमित व्यक्ति के पसीने, लार, खांसी एवं शरीर के संपर्क से फैलता है.
श्री जाना ने बताया कि हम लोग यौनकर्मियों को रोग के लक्षण की पहचान जानने के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं. श्री जाना ने कहा कि यह प्रशिक्षण शेडयूल हमारे उस नियमित ट्रेनिंग प्रोग्राम का एक हिस्सा है, जिसके तहत हम लोग यौनकर्मियों को रोगों, उनके लक्षण व बचने के तरीके के बारे में बताते हैं.
उन्होंने कहा कि हम लोगों ने उनकी सुरक्षा के मद्देनजर उन्हें यह परामर्श दिया है. अब उन्हें ही फैसला क रना है. श्री जाना ने कहा कि फिलहाल यह ट्रेनिंग केवल सोनागाछी में दी जा रही है, जल्द ही राज्य के अन्य शहरों में भी इस कार्यक्रम को शुरू किया जायेगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इबोला से अब तक पश्चिम अफ्रीकी देशों में 1069 लोगों की मौत हो चुकी है. इबोला का वायरस बेहद संक्रामक है, पर यह हवा के द्वारा नहीं फैलता है.