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UP News : लखीमपुर खीरी में नाबालिग बहनों से सामूहिक दुष्कर्म, हत्या मामले में चार दोषी करार

विशेष लोक अभियोजक ब्रिजेश पांडे ने बताया कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO) से संबंधित मामलों के लिए नामित अदालत ने सजा सुनाने के लिए 14 अगस्त की तारीख तय की है. दोनों नाबालिग किशोरियों के शव खेत में पेड़ से लटकते पाये गये थे.

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में एक विशेष पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अदालत ने शुक्रवार को दो नाबालिग दलित बहनों की हत्या और सामूहिक बलात्कार से संबंधित मामले में छह में से चार आरोपियों को दोषी ठहराया. निघासन थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली 15 और 17 साल की बहनों का पिछले साल सितंबर में उनके घर से अपहरण कर लिया गया था. 14 सितंबर, 2022 को उनके साथ सामूहिक दुराचार किया गया. इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई. घटना के बाद, पुलिस उपाधीक्षक की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया और हत्या, बलात्कार, एससी/एसटी अधिनियम और अन्य का मामला दर्ज किया गया. रात भर चली कार्रवाई में खीरी पुलिस ने छह आरोपियों को पकड़ लिया था.

16 साल से कम उम्र के आरोपी का मुकदमा किशोर न्याय बोर्ड में

विशेष लोक अभियोजक ब्रिजेश पांडे ने बताया कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO) से संबंधित मामलों के लिए नामित अदालत ने सजा की घोषणा के लिए 14 अगस्त की तारीख तय की थी. 16 साल से अधिक उम्र के एक नाबालिग आरोपी की भूमिका पर अदालत बाद में फैसला सुनाएगी. उन्होंने बताया कि इसके अलावा छठे आरोपी, जो 16 साल से कम उम्र का है, उसका मुकदमा किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष अलग से चल रहा है.यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO) से संबंधित मामलों के लिए नामित अदालत ने सजा सुनाने के लिए 14 अगस्त की तारीख तय की है.

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दो आरोपी धारा 201 में भी दोषी 

विशेष लोक अभियोजक ब्रिजेश पांडे ने कहा कि अदालत ने दो आरोपियों जुनैद और सुनील उर्फ ​​छोटू को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 363 (नाबालिगों का अपहरण), 376-डी (16 साल से कम उम्र की महिला से सामूहिक बलात्कार), 302 (हत्या), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के तहत दोषी ठहराया ), 452 (चोट पहुंचाने की तैयारी के बाद घर में अतिक्रमण करना), 201 (अपराध से संबंधित सबूतों को गायब करना) और धारा 34 सामान्य इरादे से अपराध करना के साथ ही पॉक्सो अधिनियम की धारा 5जी/6 (एक बच्चे के साथ सामूहिक बलात्कार और गंभीर यौन उत्पीड़न) के तहत भी दोषी ठहराया गया था. हालांकि, अन्य दो आरोपियों – करीमुद्दीन और आरिफ को आईपीसी की धारा 201 (अपराध से संबंधित सबूतों को गायब करना) के तहत दोषी ठहराया गया था. पांडे ने कहा कि विशेष पॉक्सो अदालत के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश राहुल सिंह ने चारों को दोषी ठहराया.

लखीमपुर खीरी के निघासन कोतवाली क्षेत्र की निवासी दो सगी बहनों के खेत में पेड़ से लटके पाये गये. मृतक बहनों में से एक कक्षा 10 और दूसरी कक्षा 7 की छात्रा थी. परिवारीजनों ने अपहरण के बाद बेटियों की हत्या का आरोप लगाया था. उनका कहना था कि बाइक सवार युवकों ने दोनों बहनों का अपहरण किया था. परिवारीजनों की शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज की गयी थी. किशोरियों का शव मिलने के बाद क्षेत्र के लोगों में आक्रोश फैल गया था. परिवारीजनों के साथ ही लोगों ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया मौके की नजाकत देखते हुए तत्कालीन एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत सिंह ने उस समय आईजी लक्ष्मी सिंह को मौके पर भेजा था.

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