लखनऊ : बिहार में मिली हार और असम की ऐतिहासिक जीत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आगे का रास्ता दिखा दिया है. अब पार्टी की समझ में आ गया है कि राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनावी चेहरा बनाना सबसे बेहतर विकल्प नहीं है. दूसरे शब्दों में कहे तो राज्य के विधानसभा चुनावों में स्थानीय चेहरे को पेश करना भाजपा के लिए लाभकारी साबित होगा.
भाजपा की आज से इलाहाबाद में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू हो चुकी है. उत्तर प्रदेश चुनाव को ध्यान में रखते हुए हो रही इस बैठक के बाबत माना जा रहा है कि भाजपा प्रदेश में जीत सुनिश्चित करने के लिए कमर कस चुकी है और पीएम मोदी की 13 जून की इलाहाबाद रैली से माहौल को गरमाया जाएगा. संभवत: भाजपा असम की तर्ज पर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा कर सकती है. आज इलाहाबाद में बैठक से पहले भाजपा नेताओं के बीच पोस्टर वार छिड़ा गया और राज्य के सभी बड़े भाजपा नेता अपने-अपने पोस्टर्स के जरिए खुद को बड़ा साबित करने की होड़ में लग गए हालांकि ये पोस्टर्स शीर्ष नेताओं पर कितना प्रभाव डालता है यह बैठक के बाद पता चलेगा.
पार्टी के आधिकारिक हॉर्डिंग्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के फोटो नजर आ रहे हैं. शहर में लगाए गए पोस्टर में केंद्रीय नेतृत्व की आलोचना कर चुके वरुण गांधी, संजय जोशी और शत्रुघ्न सिन्हा भी नजर आ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर खबर है कि पार्टी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए एक आतंरिक सर्वे करवा चुकी है, जिसके परिणाम की माने तो वरुण गांधी, स्मृति ईरानी और योगी आदित्यनाथ का नाम सबसे ऊपर है. आपको बता दें कि ये तीनों फिलहाल सांसद हैं.
सर्वे के अनुसार सुल्तानपुर से भाजपा सांसद वरुण गांधी का नाम सबसे ऊपर है. सर्वेक्षण के अनुसार नेहरू-गांधी परिवार के युवा सदस्य और स्थानीय होने के चलते उनकी व्यापक अपील है. वहीं भाजपा सूत्र के अनुसार, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह अभी भी उनके कोलकाता रैली से जुड़े बयान पर नाराज हैं. इधर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी सर्वेक्षण में दूसरे स्थान पर कब्जा जमाया है हालांकि, स्थानीय पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना है कि ईरानी बाहरी हैं. अत: उन्हें और पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है.
सर्वे में फायरब्रांड नेता और गोरखपुर से भाजपा सांसद सर्वेक्षण तीसरे स्थान पर हैं. योगी लगातार राज्य के राजनीतिक मुद्दों पर अपनी सक्रियता दिखाते आए हैं. वे राम मंदिर, गौरक्षा और धर्मांतरण जैसे संघ परिवार के पारंपरिक मुद्दों पर कट्टर रुख रखते हैं और यही कारण है कि उन्हें कट्टरपंथी तबके में लोकप्रिय हासिल है हालांकि, जानकारों की माने तो सर्वे के अनुसार जाति संयोजन में योगी फिट नहीं हैं और पार्टी को मुस्लिम वोट का नुकसान होगा.
संयोग से केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी उत्तर प्रदेश से हैं और ठाकुर हैं. राजनाथ पूर्व में राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उनका नाम भी सीएम पद के लिए लगातार आ रहा है.