लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लागू करने की प्रक्रिया शुरू करते हुए अब तक 21 जिलों में 32 हजार से ज्यादा शरणार्थियों को चिह्नित किया है.
राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि सीएए के लिए अधिसूचना तीन दिन पहले जारी की जा चुकी है और सभी जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वे अपने-अपने यहां शरणार्थियों के चिह्नांकन का काम करें.
उन्होंने बताया कि अब तक 75 में से 21 जिलों में 32 हजार से ज्यादा शरणार्थियों को चिह्नित किया जा चुका है. हालांकि यह अभी पहली ही सूची है. यह प्रक्रिया पूरे प्रदेश में चल रही है और गृह विभाग से मिली सूचना के मुताबिक अन्य जिलों से भी जल्द रिपोर्ट आएगी.
शर्मा ने बताया कि प्रदेश के सहारनपुर, गोरखपुर, अलीगढ़, रामपुर, प्रतापगढ़, पीलीभीत, लखनऊ, वाराणसी, बहराइच, लखीमपुर, रामपुर, मेरठ और आगरा जिलों में चिह्नित ये शरणार्थी अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए हैं.
सूत्रों के मुताबिक इनमें से सबसे ज्यादा संख्या पीलीभीत में रह रहे शरणार्थियों की है. हालांकि सरकार ने उनकी असल संख्या जाहिर नहीं की है. इस बीच, एक गैर सरकारी संगठन नागरिक अधिकार मंच ने 116 पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार की है. इसका शीर्षक ‘उत्तर प्रदेश में आए पाकिस्तान, अफगानिस्तान एवं बांग्लादेश के शरणार्थियों की आपबीती (उनके उत्पीड़न की कहानी)’ है.
हालांकि राज्य सरकार ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि वह इस रिपोर्ट का संज्ञान लेगी या नहीं. गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्हें नागरिक अधिकार मंच की एक रिपोर्ट मिली है. हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया. केन्द्र सरकार ने पिछले सप्ताह सीएए के सिलसिले में एक गजट अधिसूचना जारी की थी. गृह मंत्रालय ने कहा था कि यह कानून 10 जनवरी से लागू होगा.