लखनऊ : उप्र में इस बार दीवाली का त्योहार होमगार्डो के लिये ‘कहीं खुशी कहीं गम’ वाला होगा, क्योंकि प्रदेश सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश पर उनका दैनिक भत्ता बढ़ाकर 672 रूपये कर दिया है वहीं दूसरी तरफ खर्च में कमी करने के लिये पुलिस थानों और ट्रैफिक सिग्नल पर तैनात 25 हजार होमगार्डो की सेवायें समाप्त कर दी गयी हैं . प्रयागराज (इलाहाबाद) स्थित उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय के अपर पुलिस महानिदेशक बीपी जोगदंड द्वारा जारी आदेश के अनुसार, 25 हजार होमगार्ड स्वयंसेवकों की तैनाती तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है. आदेश में कहा गया है कि 25 हजार होमगार्ड स्वयंसेवकों को हटाने का निर्णय 28 अगस्त 2019 को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया था .
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होमगार्ड के लिये ”कहीं खुशी कहीं गम”, कुछ का भत्ता बढ़ा, कुछ हटाये गये
लखनऊ : उप्र में इस बार दीवाली का त्योहार होमगार्डो के लिये ‘कहीं खुशी कहीं गम’ वाला होगा, क्योंकि प्रदेश सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश पर उनका दैनिक भत्ता बढ़ाकर 672 रूपये कर दिया है वहीं दूसरी तरफ खर्च में कमी करने के लिये पुलिस थानों और ट्रैफिक सिग्नल पर तैनात 25 हजार होमगार्डो […]
होमगार्डो को पहले करीब पांच सौ रूपये प्रतिदिन भत्ता मिलता था लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब उन्हें 672 रूपये प्रतिदिन मिलेंगे . होमागार्डो को महीने में कोई निश्चित वेतन नहीं मिलता बल्कि यह जितने दिन काम करते हैं उस हिसाब से इन्हें मानदेय दिया जाता है . अभी तक होमगार्डों को महीने में करीब 25 दिन काम दिया जाता है जिसे घटाकर अब सरकार ने 15 दिन कर दिया है .
जोगदंड द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि शासन स्तर पर लिए गए इस फैसले के बाद कुल 25 हजार होमगार्डों की तैनाती तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती है. इस बारे में पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि अदालत के आदेश के बाद शासन को होमगार्ड का मानदेय और अन्य भत्ते मिलाकर काफी अधिक रकम खर्च करनी पड़ती थी. पुलिस विभाग को ही प्रति माह 10 से 12 करोड़ रूपये खर्च करना पड़ता था . ” उन्होंने साफ किया इन होमगार्डों को अस्थायी रूप से हटाया गया है, जब इनकी जरूरत पड़ेगी तो इन्हें बुलाया भी जा सकता है .
इस बारे में अपर पुलिस महानिदेशक बीपी जोगदंड ने ‘भाषा’ को बताया ”होमगार्ड की नौकरी स्थायी नहीं होती. पुलिस प्रशासन की मदद के लिए समय समय पर इन्हें बुलाया जाता है और ये स्वयंसेवक की तरह से काम करते हैं . कभी इन्हें महीने में दस दिन के लिये बुलाया जाता है और कभी 20 दिन के लिये . 25 हजार होमगार्ड को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है . अगर भविष्य में इनमें से कुछ की जरूरत पड़ी तो इन्हें वापस बुलाया जा सकता है .
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