लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कर्नाटक की पत्रकार गौरी लंकेश की बेंगलुरु में हुई जघन्य हत्या को प्रथम दृष्टया एक बड़ी साजिश का हिस्सा करार देते हुए इस मामले के साथ-साथ नरेन्द्र दाभोलकर, गोविन्द पनसारे और एम.एम. कलबुर्गी जैसे लेखकों एवं साहित्यकारों की हत्याओं की जांच एन.आई.ए. से कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि कुछ-कुछ समय के अन्तराल पर लगातार हो रही इस प्रकार की जघन्य हत्याओं के मामलों में केवल निन्दा नहीं बल्कि केंद्र सरकार को गंभीरता दिखानी होगी.
वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की उनके घर के पास हुई हत्या को अत्यन्त दु:खद एवं निंदनीय बताते हुए मायावती ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष विचारों वाले लेखकों, पत्रकारों और बुद्धिजीवियों की जिस प्रकार से एक के बाद एक लगातार हत्या हो रही है, तथा विभिन्न प्रकार से अन्य लोगों को भी देश भर में आतंकित किया जा रहा है उसकी गंभीरता को समझते हुए केंद्र सरकार को एनआईए से जांच करवानी चाहिए. प्रथम दृष्टया यह सभी मामले एक बड़ी साजिश का हिस्सा लगते हैं जिसके पीछे मजबूत लोगों का दिल, दिमाग एवं धन लगा हुआ है.
उन्होंने कहा कि इन हत्याओं के पीछे एक खास घातक पैटर्न पूरे देश को नजर आ रहा है, और देशहित में इन मामलों के प्रति केंद्र एवं राज्य सरकारों को गंभीरता दिखानी चाहिए जो कि अब तक कहीं भी देखने को नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से केंद्र की सरकार कश्मीरी नेताओं की एनआईए जाँच करवा रही है, उसी प्रकार विभिन्न राज्यों में हो रही इस लोकतंत्र-विरोधी हत्याओं एवं इससे जुडी घटनाओं की भी एनआईए से जांच करवायी जानी चाहिये.
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