उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने फालतू बताया था. लालू यादव के इस ब. अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि लालू यादव को महाकुंभ फालतू लगता है. अगर सनातन धर्म के किसी आयोजन को भव्यता के साथ करना कोई अपराध है? आस्था को सम्मान देकर आगे बढ़ाना क्या कोई अपराध है तो हमारी सरकार इस अपराध को कर रही है और आगे भी करेगी. इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव शुरू से महाकुंभ का विरोध कर रहे थे. लेकिन उन्होंने भी चुपके से जाकर कुंभ में स्नान कर लिया.
सनातन धर्म इस देश का राष्ट्रीय धर्म: CM योगी
ये क्या है. ये गैरजिम्मेदाराना बयान है. सपा, कांग्रेस और आरजेडी और टीएमसी नेताओं द्वारा सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन पर सवाल हुए. सनातन धर्म की आस्था को आगे बढ़ा क्या अपराध है. हम मानते हैं कि सनातन धर्म इस देश का राष्ट्रीय धर्म है. इसकी सुरक्षा मानव की सुरक्षा की गारंटी है. महाकुंभ में क्रिकेटर मोहम्मद शमी ने भी स्नान किया.
लालू यादव ने कुंभ को बताया था फालतू
बता दें कि आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने बीते दिनों कुंभ को ‘अर्थहीन’ और ‘फालतू’ बताया था. जबकि मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कुंभ भगदड़ में हजारों लोग मारे गए. इन सभी के बयानों पर विधानसभा में सीएम योगी ने जिक्र किया. इसके अलावा सीएम योगी ने जया बच्चन के भी बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भगदड़ में मरे लोगों के शवों को गंगा में बहा दिया गया है.
ममता बनर्जी ने महाकुंभ को बताया था मृत्यु कुंभ
महाकुंभ को लेकर चल रही भीड़ के बीच तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने अजब कमेंट किया है. उन्होंने हालिया भगदड़ की घटनाओं का हवाला देते हुए महाकुंभ को ‘मृत्यु कुंभ’ करार दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि इस धार्मिक आयोजन में वीवीआईपी को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं, जबकि गरीब और सामान्य श्रद्धालु इन सुविधाओं से वंचित हैं.
सनातन आस्था के साथ खिलवाड़ है विपक्ष का बयान: CM योगी
CM योगी ने विपक्षी दलों को घेरते हुए कहा कि जब सनातन धर्म, मां गंगा, भारत की आस्था, महाकुंभ के खिलाफ अनर्गल प्रलाप और झूठा वीडियो दिखाते हैं तो यह 56 करोड़ लोगों के साथ ही भारत की सनातन आस्था के साथ खिलवाड़ है. यह किसी पार्टी विशेष और सरकार का नहीं, बल्कि समाज का आयोजन है, सरकार पीछे है. सरकार सहयोग और उत्तरदायित्वों का निर्वहन करने के लिए सेवक के रूप में है. सेवक के रूप में उत्तरदायित्वों का निर्वहन करना हमारी जिम्मेदारी है. हम तत्परता के साथ ऐसा करेंगे, क्योंकि हमें अपनी जिम्मेदारियों का अहसास है. हमारे मन में भारत की सनातन परंपराओं के प्रति श्रद्धा का भाव है और उन श्रद्धाओं को सम्मान देना हमारा दायित्व है.
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