Banke Bihari Corridor: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में प्रस्तावित बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के विरोध में शुक्रवार को गोस्वामी समाज की महिलाओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से पत्र लिखा और प्रदर्शन किया. प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण के विरोध में सैकड़ों महिला-पुरुष और बच्चे बाजारों में प्रदर्शन करते नजर आए. वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी की पूर्व जिलाध्यक्ष मधु शर्मा ने इस मामले को लेकर पार्टी की स्थानीय सांसद हेमामालिनी और प्रशासनिक अधिकारियों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
मैं धिक्कारती हूं… : मधु शर्मा
तकरीबन साढ़े तीन सप्ताह से कॉरिडोर एवं न्यास गठन अध्यादेश का विरोध किया जा रहा है. गोस्वामी समाज की महिलाओं की पीड़ा सुनने पहुंचीं मधु शर्मा को जब यह मालूम हुआ कि उन महिलाओं ने दुखी होकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को अपने खून से पत्र लिखा है तो वह सांसद एवं स्थानीय आधिकारियों पर बिफर पड़ीं. उन्होंने कहा, “ मैं धिक्कारती हूं, ऐसी महिला सांसद को, जिनके होते हुए भी महिलाओं को अपनी पीड़ा व्यक्त करने के लिए मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को खून से पत्र लिखने पड़ें.” शर्मा ने मुख्यमंत्री से समाधान निकालने की अपील की.
मंदिर अधिग्रहण व कॉरिडोर विरोधी नारे लगाए गए
मधु शर्मा ने यह भी कहा, “मेरी अपील मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न होकर संत-महंत-पीठाधीश्वर आदित्यनाथ से है, वे इन अधिकारियों या जन प्रतिनिधियों के भरोसे न रहकर यहां आएं, एक बार स्वयं इन गोस्वामी महिलाओं की पीड़ा को जानने की कोशिश करें.” इससे पहले गोस्वामी समाज की महिलाओं की अगुवाई में स्थानीय नागरिकों, व्यापारियों व संत समाज सहित हर वर्ग के लोगों ने विशाल जुलूस निकाला और मंदिर अधिग्रहण व कॉरिडोर विरोधी नारे लगाए.
जिनके घर-दुकान टूटेंगे, उन्हें दिए जाएंगे फ्लैट
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने वृंदावन में प्रस्तावित बांके बिहारी कॉरिडोर परियोजना से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास का निर्णय लिया है. जिला प्रशासन के अनुसार, इन परिवारों को मथुरा-वृंदावन क्षेत्र के रुक्मिणी विहार या सुनरख बांगर इलाकों में पुनर्वासित किया जाएगा. यह कॉरिडोर प्रतिष्ठित ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के आसपास 5.5 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा, जिससे सेवायतों, दुकानदारों और स्थानीय निवासियों सहित कई लोग प्रभावित होंगे. सभी दुकानदारों को कॉरिडोर परिसर में नए व्यावसायिक स्थल आवंटित किए जाएंगे, जबकि घर मालिकों को पुनर्वास क्षेत्र चुनने का विकल्प मिलेगा. साथ ही, सभी प्रभावित व्यक्तियों को भूमि और भवन के लिए उचित मुआवजा भी दिया जाएगा.